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Purvanchal Expressway Inauguration: विकास के पथ पर पूर्वांचल को देगा नई ‘उड़ान’, कम करेगा दूरी, देगा रोजगार

Purvanchal Expressway Inauguration: प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण होने के साथ ही पूर्वांचल के शहर प्रादेशिक राजधानी लखनऊ व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ जाएंगे और आठ से 10 घंटे का सफर सिमटकर चार से छह घंटे रह जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2021 11:28 AM

Purvanchal Expressway Inaugration: जुलाई 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजमगढ़ के मंदुरी में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया तो इस क्षेत्र का पिछड़ापन दूर होने की उम्मीद जाग गई थी. बीच में कोरोना महामारी ने निर्माण कार्य कुछ देर के लिए रोका, लेकिन ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाई. आज उसी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घघाटन होने जा रहा है.

निर्माण कार्य की गति बढ़ती गई और तीन साल में लखनऊ के चांदसराय से लेकर गाजीपुर के हैदरिया तक 340.824 किमी का सिक्स लेन एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया. प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण होने के साथ ही पूर्वांचल के शहर प्रादेशिक राजधानी लखनऊ व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ जाएंगे और आठ से 10 घंटे का सफर सिमटकर चार से छह घंटे रह जाएगा. एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले औद्योगिक गलियारे से लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा. इस मार्ग से विकास की एक नई उड़ान उड़ने की तैयारी कर रहा है पूर्वांचल.

इतने गांवों से ली गई है जमीन

इस बहुप्रतीक्षित मार्ग को बनाने के लिए सुलतानपुर के 112 गांव से, लखनऊ के 14 गांव से, अमेठी के 18 गांव से, अयोध्या के 5 गांव से, अंबेडकरनगर के 7 गांव से, आजमगढ़ के 110 गांव से, मऊ के 70 गांव से और गाजीपुर के 69 गांव से जमीन ली गई है.

हादसा होते ही मिनटों में पहुंचेगी एंबुलेंस

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जहां प्रदेश की राजधानी लखनऊ व देश की राजधानी दिल्ली की दूरी सिमट जाएगी, वहीं यात्रा कर रहे यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ख्याल रखा गया है. एक्सप्रेस-वे पर किसी भी हादसे के बाद तत्काल चिकित्सा राहत देने के भी इंतजाम किए गए हैं. टोल बूथ, प्लाजा, इंटरचेंज आदि पर दो एंबुलेंस व दो क्रेन रखे गए हैं ताकि पीड़ितों को फोरी तोर पर राहत पहुंचाई जा सके. यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर रिटायर्ड फौजियों की 16 टीमें लगाई गई है. एक एक टीम में चार-चार लोग शामिल होंगे. वहीं, आठ चैनेज में बांटे गए एक्सप्रेस-वे के प्रत्येक चैनेज में दो-दो एंबुलेंस व क्रेन भी उपलब्ध होगी. इसके साथ ही जगह-जगह पुलिस बूथ व चौकियां भी स्थापित होगी. डायल 112 पुलिस लगातार गश्त करती रहेगी.

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