करोना संक्रमण से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर अब बीजेपी के विधायक और नेता ही सवाल खड़े कर रहे हैं. ताजा मामला सीतापुर सदर से बीजेपी के विधायक से जुड़ा है. सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौर ने भी सरकार पर सवाल खड़े किये हैं. इसके बाद से विधायक अब उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों की सूची में शामिल हो गए, जिन्होंने राज्य में राज्य में कोरोना प्रबंधन पर नाराजगी व्यक्त की है.
सीतापुर सदर के विधायक ने दावा किया उत्तर प्रदेश सरकार में विधायकों के कामकाज की कोई भूमिका नहीं है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने बहुत अधिक बात की तो उन्हें देशद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है.
राकेश राठौर ने कहा कि“ विधायकों की हैसियत क्या है. हम ज्यादा कहेंगे तो देश द्रोह, राज द्रोह हमपे भी तो लगेगा, एक विधायक की स्थिति क्या है? राकेश राठौर का यह बयान पिछले सप्ताह आया है जब उनसे सीतापुर जिले में ट्रॉमा सेंटर परियोजना के बारे में एक सवाल पूछा गया. इंडिया टूडे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा कि सब कुछ सही चल रहा है. इससे बेहतर कुछ नहीं किया जा सकता है.
बीजेपी विधायक ने कहा कि “मैं सरकार नहीं हूं. लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं की जो कुछ भी सरकार कर रही है उस पर सही रूप से विचार किया जाना चाहिए. यह पूछने पर कि क्या जिला प्रशासन संकट को नियंत्रित करने के प्रयासों में कमी है, विधायक ने कहा कि सरकार और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू हैं .
गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है जब राकेश राठौर ने पार्टी लाइन से हटकर बात की है. इससे पहले भी उन्हें पार्टी विरोधी बयानों के लिए किनारा किया जा चुका है. पिछले सा्ल उनका एख वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो कहा रहे थे कि कोरोना को भगाने के लिए प्लेटों को पीटने का रिकॉर्ड मुर्खता को तोड़ने का रिकॉर्ड है. इसके अलावा बीजेपी के अन्य नेताओं ने योगी सरकार को कोरोना से निपटने के तरीकों पर सवाल उठाया है. नौ मई को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने भी शिकायत की थी.
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Posted By: Pawan Singh