Lucknow: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी की सावरकर पर विवादित बयान देने के कारण मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग वाली अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है. विशेष एसीजेएम अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में वादी नृपेंद्र पांडेय के बयान दर्ज करने की लिए 9 जनवरी, 2023 की तारीख तय की है. इसके बाद राहुल गांधी पर कानूनी कार्रवाई को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.
वादी की ओर से वकील मनोज प्रेमी व शैलेंद्र कुमार यादव ने कोर्ट में अर्जी देकर आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को अकोला, महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कथित तौर पर राहुल गांधी ने अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसी मामले में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-तृतीय अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने अपने आदेश में शिकायतकर्ता को सीआरपीसी की धारा 200 के तहत अपना सबूत पेश करने का निर्देश दिया है.
शिकायतकर्ता और उसके गवाहों की तहत गवाही दर्ज करने करने के बाद अदालत अपराधों का संज्ञान लेने या न लेने और राहुल गांधी को समन जारी करने के संबंध में फैसला करेगी. शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एक आवेदन दायर किया था.
कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया और इसे एक परिवाद के रूप में दर्ज किया. नृपेंद्र पांडेय ने आवेदन में कहा कि राहुल गांधी ने अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हुए सावरकर जी का अपमान किया. उन्होंने अपने अधिवक्ता के जरिए राहुल गांधी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने का भी दावा किया. इसके बाद अदालत ने यह कदम उठाया.
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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर टिप्पणी की थी. आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक मंच पर कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी. उन्होंने कहा कि सावरकर ने महात्मा गांधी समेत कई नेताओं को धोखा दिया था. राहुल गांधी के इस बयान के बाद से बीजेपी नेताओं ने कड़ी नाराजगी जताते हुए उनको निशाने पर लिया था.