UP Election 2022: सपा प्रवक्ता हसन का इशारा, राज बब्बर की कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ सपा में आने की संभावना
यूपी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की देखरेख में चुनाव लड़ रही है. मगर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उनकी ‘न्यू पॉलिटिक्स’ सभी को रास नहीं आ रही है. ताजा मामला कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार एवं बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर से जुड़ा है.
Lucknow News: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अपने वजूद को मजबूत करने की जुगत कर रही कांग्रेस को एक बड़ा झटका लग सकता है. सपा के एक प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर नाम लिए बगैर इशारा किया है कि राज बब्बर कांग्रेस से किनारा कर दोबारा सपा में आ सकते हैं.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष , पूर्व समाजवादी नेता , अभिनेता जल्दी ही समाजवादी होंगे
— Fakhrul Hasan Chaand (@chaandsamajwadi) January 27, 2022
दरअसल, यूपी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की देखरेख में चुनाव लड़ रही है. मगर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उनकी ‘न्यू पॉलिटिक्स’ सभी को रास नहीं आ रही है. ताजा मामला कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार एवं बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर से जुड़ी हुई है. एक सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने सोशल मीडिया में एक ट्वीट किया, ‘कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व समाजवादी नेता, अभिनेता जल्दी ही समाजवादी होंगे.’ इस मैसेज से इतना तो स्पष्ट है कि बात कांग्रेस के बड़े चेहरों में गिने जाने वाले राज बब्बर की हो रही है. हालांकि, अभिनेता और राजनेता राज बब्बर ने इस बाबत कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है.
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के हाल ही में कांग्रेस से किनारा करने के बाद बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ले ली है. कांग्रेस के लिए यह काफी बड़ा झटका साबित हुआ है. यूं भी पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद से लेकर राजाराम पाल, प्रियंका की सलाहकार समिति के सदस्य विनोद शर्मा, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, उनके पूर्व विधायक बेटे पंकज मलिक, पूर्व सांसद सलीम शेरवानी, पूर्व सांसद चौधरी बिरेंदर सिंह एवं सहानरनपुर मंडल में खासी पकड़ रखने वाले इमरान मसूद समेत तमाम नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं. इस सूची में कमलापति त्रिपाठी के परिवार के ललितेशपति त्रिपाठी भी शामिल हैं. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया है.
सात में चार विधायक पहले ही हुए किनारे
वहीं, साल 2017 में कांग्रेस के पंजा निशान पर यूपी में सात विधायकों ने जीत हासिल की थी. इनमें से 4 विधायक भी पार्टी छोड़ चुके हैं. इनमें से तीन बीजेपी और एक सपा में शामिल हो चुके हैं. खुद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह को बीजेपी का साथ कांग्रेस से ज्यादा भा गया. उधर, पश्चिमी यूपी से नरेश सैनी भी बीजेपी में शामिल हो गए. चौथे विधायक मसूद अख्तर सपा में शामिल हो चुके हैं. जाहिर है, इन नेताओं का टिकट कटने का तो कोई सवाल ही नहीं था. फिर भी वे पार्टी को छोड़कर चले गए.
क्या रास नहीं आ रही प्रियंका की नई नीति
इस संबंध में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस का यूपी जनाधार यूं ही कम है. प्रियंका गांधी जिस तरह से ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की थीम पर चुनाव लड़ रही हैं. उससे पार्टी भले ही चर्चा में आई है. मगर इसमें कोई दो राय नहीं है कि 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने से दूसरे नेताओं को दिक्कत हो रही है. ऐसे में वे पार्टी से किनारा कर रहे हैं. इस संबंध में ‘प्रभात खबर’ कांग्रेस प्रवक्ताओं से बात करनी चाही तो उन्होंने इसे नेताओं के व्यक्तिगत फैसले कहते हुए कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.