भाजपा (BJP) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दलित-ब्राह्मण कार्ड खेला है. राज्यसभा (rajya sabha election 2020) के लिए प्रत्याशियों के चयन में जातीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है. विधायकों की संख्या के बूते भाजपा के 8 प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित है. भाजपा नौंवीं सीट के लिए भी उम्मीदवार खड़ी कर सकती है. कांग्रेस और बसपा का इस बार राज्य सभा चुनाव में खाता भी नहीं खुलने वाला है. नौंवी सीट के लिए पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल और स्वर्गीय अखिलेश दास के पुत्र विराज सागर दास के नाम चर्चा में हैं. इन प्रत्याशियों में सीट मैनेज करने की क्षमता के मद्देनजर भाजपा दांव खेल सकती है.
यूपी में बसपा ब्राह्मण और दलित वोट बैंक को एकजुट करने का प्रयास करती रही है. हाथरस समेत कुछ घटनाओं के बाद भाजपा पर दलित विरोधी होने के आरोप विपक्ष की ओर से लगाए गए थे. इसी तरह विपक्ष ने सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप भी मढ़े. राज्यसभा में हरिद्वार दूबे और सीमा द्विवेदी को उम्मीदवार बनाकर ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. इसी पूर्व डीजीपी बृजलाल को टिकट देकर दलित कार्ड भी चल दिया है. अगामी चुनावों के मद्देनजर सियासी समीकरण साधने की कोशिश हुई है.
आगरा छावनी के दो बार के पूर्व विधायक और पूर्व राज्यमंत्री हरिद्वार दुबे कल्याण सिंह सरकार में वित्त राज्य मंत्री थे. दुबे सीतापुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक रहे हैं. मूल रूप से बलिया के निवासी हैं. लंबे समय से आगरा में राजनीति कर रहे हैं. वर्ष 1969 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बन आगरा आए थे.
भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा समय में प्रदेश से राज्यसभा सदस्य केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, भाजपा महासचिव अरुण सिंह व नीरज शेखर को फिर से उच्च सदन भेजने का मौका दिया है. यूपी कंस्ट्रक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन के अध्यक्ष व भाजपा के बृज क्षेत्र के अध्यक्ष रह चुके बी.एल. वर्मा और औरैया की पार्टी नेता गीता शाक्य को उम्मीदवार बनाया गया है.
नौंवें उम्मीदवार पर भाजपा ने सस्पेंस बरकरार रखा है. ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नरेश अग्रवाल या विराज सागर दास मैदान में उतर सकती हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजबब्बर की सीट 25 नवंबर को खाली हो रही है और इस कारण प्रदेश में एक सीट के लिए चुनाव भी हो रहा है. कांग्रेस इस चुनाव में पार्टी के विधायकों की संख्या को देखते हुए पहले ही किनारा कर चुकी है. हालांकि पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है कि उसके विधायक वोट करेंगे या नहीं. मात्र एक नाम आने पर इस सीट पर निर्वाचन निर्विरोध होगा.
Posted By : Amitabh Kumar