Lakhimpur Kheri Violence: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है. शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी और वह 18 फरवरी को जेल से बाहर आए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर किसान नेता राकेश टिकैत का भी बयान आया है.
Muzaffarnagar, UP: SC felt that the facts were not presented by the UP govt,hence cancelled the bail plea. We've trust in judiciary&hope that in coming times farmers will get justice: BKU leader Rakesh Tikait on SC cancelling bail of Ashish Mishra in Lakhimpur Kheri violence case pic.twitter.com/X9EDIlQicJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 18, 2022
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की जमानत रद्द करी दी है. कोर्ट के इस फैसले से किसानों को न्याय की उम्मीद जगी है. उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार पीड़ित किसानों की सुरक्षा-मुआवजा-न्याय दिलाने का काम करे और बेगुनाह किसानों को जेल से निकलवाए. राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि पूर्णन्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा.
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बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी. जमानत रद्द करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को एक हफ्ते के अदंर आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत व न्यायमूर्ति हिमा कोहली की विशेष पीठ ने ये फैसला सुनाया है.
बता दें कि पिछले साल लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में एक एसयूवी (महिंद्रा थार) ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 4 किसानों को कुचल दिया था. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने एसयूवी में सवार बीजेपी के 2 कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी. वहीं आशीष मिश्रा को जमानत उसी दिन मिली, जिस दिन उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान शुरू हुआ.