Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्र की जमानत के खिलाफ कोर्ट जाएंगे राकेश टिकैत, बोले- हिजाब नहीं हिसाब होगा
Lakhimpur Kheri Case: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्र की जमानत के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है.
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी मामले में आरोपी आशीष मिश्र को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत किस आधार पर मिली है, अभी यह साफ नहीं हो सका है. लेकिन, जमानत आदेश में धारा 302 और 120B का जिक्र नहीं किया गया है. ऐसे में अब आशीष मिश्र के बाहर आने पर संशय बरकरार है. इस बीच भाकियू नेता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्र के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है.
आशीष मिश्र की जमानत के खिलाफ कोर्ट जाएंगे टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, किसान और आम आदमी महंगाई से परेशान है. उन्होंने कहा कि, हिजाब नहीं अब हिसाब होगा. आशीष मिश्र की जमानत के मामले में उन्होंने कहा कि, कोर्ट जाएंगे और जमानत का विरोध करेंगे. किसानों को इंसाफ दिलाएंगे.
आशीष की जमानत के बाद अब तक रिहाई क्यों नहीं?
दरअसल, लखीमपुर खीरी कांड में आशीष मिश्र के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 326, 34, 427 और 120B के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 3/25, 5/27 और 39 के तहत में मुकदमा दर्ज है. ऐसे में अब मामला यहां फंस गया है कि हाईकोर्ट द्वारा मिली जमानत में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 326 और 427 और आर्म्स एक्ट की धारा 34 और 30 का तो जिक्र किया गया है, लेकिन धारा 302 और 120B का जिक्र नहीं है. यही कारण है कि आशीष मिश्रा की रिहाई में फिलहाल कुछ दिनों का और समय लग सकता है.
क्या था पूरा मामला
पिछले साल तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के एक बयान से नाराज किसान टेनी के गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे. उसी दौरान वहां हिंसा भड़क उठी और उसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. बता दें चार किसान व एक पत्रकार की मौत के मुकदमे में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र समेत 14 आरोपियों के खिलाफ तीन जनवरी को चार्जशीट दाखिल हुई थी.
घटना पर पीएम मोदी भी दे चुके हैं बयान
वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने लखीमपुर की घटना पर कल कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सभी फैसले लिए गए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो कमेटी बनाना चाहती थी, राज्य सरकार ने सहमति दी. जिस जज के नेतृत्व में जांच चाहती थी सरकार ने सहमति दी. राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है तभी सुप्रीम कोर्ट की इच्छा के अनुसार सारे निर्णय करती है.