रामलला को पीताम्बरी धोती- अंगवस्त्र में सजाने वाले मनीष त्रिपाठी ने कहा-चुनौतीपूर्ण था, हमने रोज प्रार्थना की
मनीष त्रिपाठी ने बताया कि मैंने इन वस्त्रों को ‘शुभ वस्त्रम’ नाम दिया है. मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि इस काम का अवसर मुझे मिला. मैंने इन कपड़ों को विशेष रूप से वाराणसी में बनवाया है. इन वस्त्रों पर सोने और चांदी के तारों से काम किया गया है.
अयोध्या के राम मंदिर में जब 22 जनवरी को भगवान राम की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की गई और उनके दिव्य दर्शन लोगों को हुए तो वे पीताम्बरी धोती और लाल रंग के अंग वस्त्र में नजर आए. उनका रूप अलौकिक था. भगवान श्री राम के इस पीताम्बरी धोती और अंगवस्त्र की डिजाइन दिल्ली के ड्रेस डिजाइनजर मनीष त्रिपाठी ने किया है.
वस्त्रों को ‘शुभ वस्त्रम’ नाम दिया गया
मीडिया से बात करते हुए मनीष त्रिपाठी ने बताया कि मैंने इन वस्त्रों को ‘शुभ वस्त्रम’ नाम दिया है. मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि इस काम का अवसर मुझे मिला. मैंने इन कपड़ों को विशेष रूप से वाराणसी में बनवाया है. इन वस्त्रों पर सोने और चांदी के तारों से काम किया गया है. इन वस्त्रों पर जो कढ़ाई की गई है वो भी सोने-चांदी के तारों से की गई है. हमारी टीम दिल्ली से अयोध्या आकर काम कर रही थी. टीम में कुल 12-15 लोग काम कर रहे थे.
वस्त्र पर शंख, पद्म, चक्र और मयूर के डिजाइन
मनीष त्रिपाठी ने बताया कि भगवान के वस्त्र पर शंख, पद्म, चक्र और मयूर के डिजाइन बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि हमारे लिए यह काम चुनौतीपूर्ण इसलिए था क्योंकि हमें मूर्ति का मानक नहीं मिला था. मूर्ति बनने के बाद ही हमें यह पता चला कि हमें किस साइज में कपड़े तैयार करने हैं. साथ ही भगवान के लिए पोशाक बनाने और एक इंसान के लिए पोशाक बनाने में काफी फर्क है, क्योंकि इंसान बताता है कि उसे क्या चाहिए, जबकि भगवान के लिए पोशाक बनाने में हमें लोगों की आस्था और उनकी भावनाओं का ख्याल रखना पड़ता है.
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh | Ram Lalla idol's outfit designer, Manish Tripathi gives details on the outfit.
He says, "I named the outfit 'Shubh Vastram'. These are 'pitambar' – yellow in colour. We got it specially made in Varanasi. Gold and silver wires have been used,… pic.twitter.com/6N2omdrcra
— ANI (@ANI) January 23, 2024
यह हमारी खुशकिस्मती है
भगवान राम का पोशाक बनाते वक्त हमने हमेशा प्रभु श्रीराम से यह प्रार्थना की कि वे हमें शक्ति दें और हमारा मार्गदर्शन करें कि हम किस तरह काम करें. मैं यह कहूंगा कि यह भगवान की ही कृपा है कि पोशाक इतना सुंदर और सटीक बना. भक्तों ने 500 साल से अपने रामलला की एक छवि मन में बिठाकर रखी थी, हम उस छवि को उकेरने में मददगार रहे, यह हमारी खुशकिस्मती है.
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