Ayodhya: राम मंदिर निर्माण का काम 60 फीसदी पूरा, तारीख का हुआ ऐलान, जानें कब गर्भगृह में विराजेंगे रामलला
Ayodhya News: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की तैयारियां जोर-शोर से जारी है. इस बीच आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर किया है. जिसमें लिखा है राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
Ayodhya News: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की तैयारियां जोर-शोर से जारी है. इस बीच आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर किया है. जिसमें लिखा है राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. राम मंदिर का निर्माण कार्य तकरीबन 60 फीसदी पूरा हो चुका है. आज से ठीक एक साल बाद यानी 2024 में मकर संक्रांति के दिन भगवान राम के बाल स्वरुप की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
क्या कहा महासचिव चंपत राय नेमहासचिव चंपत राय ने कहा कि इसी साल अक्तूबर तक मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. और अगले साल 2024 में मकर संक्रांति तक मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम के बाल स्वरुप की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. तैयारियों के देखते हुए माना जा सकता है कि प्राण प्रतिष्ठा का काम एक जनवरी से 14 जनवरी के बीच होगी.
उत्तर प्रदेश: अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। pic.twitter.com/Jkc5hhJobM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 2023
चंपत ने बताया भगवान श्रीराम की मूर्ति करीब 8.5 फुट लंबी होगी. जिसे बनाने में करीब 5 से 6 महीने का समय लगेगा. मूर्ति बनाने के लिए ऐसे पत्थर का चयन किया जाएगा जो आकाश के रंग का हो यानी आसमानी रंग का हो. महाराष्ट्र और उड़ीसा के मूर्तिकला के विद्वानों ने आश्वासन दिया है कि उनके पास ऐसा पत्थर उपलब्ध है. मूर्ता का आकार पद्मश्री से सम्मानित मूर्तिकार रामलला से बनाएंगे. उनके अलावा उड़ीसा के सुदर्शन साहू व वासुदेव कामत व कर्नाटक के रमैया वाडेकर वरिष्ठ मूर्तिकार भी शामिल रहेंगे.
Also Read: Gorakhpur News: अयोध्या की तर्ज पर राजघाट से डोमिनगढ़ तक बनेगा पक्का घाट, शासन ने मांगा प्रस्तावबता दें निर्माण स्थल पर ऊपरी हिस्से में विशालकाय मशीनों से काम चल रहा है. मुख्य मंदिर में वंशी पहाड़पुर के खूबसूरत डिजाइन वाले तराशे पत्थरों से निर्माण आगे बढ़ रहा है. जबकि गर्भ गृह संगमरमर के पत्थरों के पिलर पर खड़ा किया जा रहा है.