Lucknow News: लखनऊ में श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने के मामले में पांच आरोपितों एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की जा रही है. इसमें दो आरोपितों सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा पर एनएसए लगा दिया गया है. दरअसल रविवार रात डीएम सूर्यपाल गंगवार ने आदेश जारी कर दिया. एडीसीपी पूर्व अली अब्बास के अनुसार तीन अन्य आरोपितों देवेंद्र यादव, शिवपाल सिंह, सुरेश सिंह यादव के खिलाफ एनएसए (NSA) की कार्रवाई की संतुष्टि के लिए पत्र भेजा भेजा गया है.
ज्ञात हो कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के समर्थन में ओबीसी महासभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने 29 जनवरी को लखनऊ वृंदावन योजना तिराहे पर रामचरितमानस की प्रतियां पैरों तले कुचल कर जला दी थीं. उन्होंने सनातन धर्म संस्कृति और मानस की चौपाई और रचयिता तुलसीदास पर भी सवाल उठाते हुए नारेबाजी की थी. देवेंद्र ने कहा था कि मानस की चौपाइयों में जातियों के विषय में गलत बातें लिखी हैं. संविधान में संशोधन हो सकता है. यह हवाला देते हुए प्रदेश सरकार से मानस में लिखित चौपाइयों को हटाने और संशोधन करने का बयान जारी किया था. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी हुआ था.
घटना के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा समेत कई अन्य हिंदूवादी संगठनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा और बवाल किया था. इसके बाद पीजीआई पुलिस ने देर रात लखनऊ ऐशबाग के रहने वाले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र सिंह, शिवपाल सिंह,, लोधी सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, अजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. अगले दिन 30 जनवरी को इंस्पेक्टर राणा राजेश सिंह और उनकी टीम ने पांच आरोपियों सत्येंद्र कुशवाहा, यशपाल सिंह, सुरेश सिंह यादव, देवेंद्र प्रपात यादव और सलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने पर लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार द्वारा सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम नामक 2 लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(NSA) अथवा रासुका लगाई गई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2023
29 जनवरी को सलीम,सत्येंद्र व 10 अन्य लोगों का कथित तौर पर प्रतियां जलाने का वीडियो वायरल हुआ था। pic.twitter.com/7JHs520pys
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने वाले सतनाम सिंह ने आरोप लगाया था कि श्रीरामचरितमानस की प्रतियां जलाकर उक्त आरोपियों ने एक समुदाय की भावना को आहत करने, सांप्रदायिक दंगा फैलाने, विद्वेष फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने, राज्य की लोक व्यवस्था व कानून व्यवस्था को खराब करने, माहौल बिगाड़ने का जानबूझकर प्रयास किया है. इन्हीं आरोपों के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.
Also Read: लखनऊ में VFS ग्लोबल वीजा एप्लिकेशन सेंटर का उद्घाटन, अब विदेश जाना हो जाएगा आसान, खत्म होगी भागदौड़आरोपियों को जेल भेजने के बाद पीजीआई पुलिस ने पांचों आरोपियों की बुधवार सुबह 24 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड ली थी. पूछताछ में पता चला था कि रामचरितमानस के पन्नों की फोटो सत्येंद्र ने अपने मोबाइल में खींची थी. इसके बाद कॉलोनी में ही एक दुकानदार के मोबाइल पर व्हाट्सएप की थी. दुकानदार ने आरोपित देवेंद्र के कहने पर रामचरितमानस के उन पन्नों की प्रतियां अपने प्रिंटर से निकालीं थीं. सत्येंद्र कुशवाहा, मोहम्मद सलीम उन प्रतियों को लेकर वृंदावन तिराहे पर पहुंचे थे. इसके बाद पांचों ने उन्हें पैरों से कुचला था और फिर आग लगा दी थी. आरोपितों पर और भी सख्त की जाएगी.