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अयोध्या में ‘रामराज’! 492 साल बाद चांदी के सिंहासन पर विराजे रामलला

अयोध्या में चैती नवरात्र के पहले दिन रामलला को उनके गर्भगृह में रखा गया. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी अनुष्ठान पूरा करने के बाद रामलला को चांदी के सिंहासन पर बैठाया. रामलला के सिंहासन स्थापना के साथ ही वहां मौजूद कई लोग भावुक हो गये.

By AvinishKumar Mishra | March 25, 2020 3:05 PM
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लखनऊ : अयोध्या में चैती नवरात्र के पहले दिन रामलला को उनके गर्भगृह में रखा गया. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी अनुष्ठान पूरा करने के बाद रामलला को चांदी के सिंहासन पर बैठाया. रामलला के सिंहासन स्थापना के साथ ही वहां मौजूद कई लोग भावुक हो गये.

492 साल बाद यह पहला मौका था जब रामलला को वापस अपने गर्भगृह में चांदी के सिंहासन पर बैठाया गया. इससे पहले, 1528 ईस्वी तक रामलला चांदी के सिंहासन पर विराजमान थे, लेकिन बाबर शासन के बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया था.

रामजन्मभूमि परिसर में के इस अनुष्ठान में सीएम योगी के साथ मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास व ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास, श्रीराम जन्मभूमि तीथ क्षेत्रट्रस्ट के महामंत्री चंपतराय भी मौजूद रहे. रामलला को सीएम योगी आदित्यनाथ ने, भरत को अयोध्या के राजा बिमलेंद्र मिश्र ने, लक्ष्मण को डॉ अनिल मिश्र ने, शत्रुघ्न को दिनेन्द्रदास तथा शालिग्राम भगवान को महंत सुरेश दास ने वैकल्पिक गर्भगृह में पहुंचाया.

492 साल से दूर– सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘रामलला अखिल ब्रह्मांड के नायक और सृष्टि नियंता के रूप में शिरोधार्य हैं, पर ऐतिहासिक तथ्य यह है कि उनकी जन्मभूमि की अस्मिता 492 वर्ष से संक्रमित रही है.’

कांग्रेस ने साधा निशाना– योगी के अयोध्या यात्रा पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय लल्लू ने निशाना साधते हुए कहा, ‘नवरात्रि का पहला दिन है। मां के दरबार में दर्शन के लिए जाने की मेरी भी इच्छा है. हालांकि, मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की बात मानी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बात नहीं मानते. भीड़ के साथ दर्शन कर रहे हैं तो ऐसे में कैसे यूपी की जनता पीएम की बात माने?’

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