Lucknow News: समाजवादी पार्टी के गढ़ रामपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में इस बार अलग तरह की सियासत देखने को मिलेगी. पार्टी ने आजम खान की सीट रामपुर से आसिम राजा उम्मीदवार बनाया है, तो भाजपा से आकाश सक्सेना मैदान में हैं
आसिम राजा आजम खां के भरोसेमंद नेताओं में शुमार हैं. वह शमसी बिरादरी से आते हैं और उनकी अपनी बिरादरी में मजबूत पैठ है. पूर्व में व्यापारी नेता रहे आसिम लम्बे समय से सपा से जुड़े हुए हैं. खुद आजम खांं ने आसिम के नाम की घोषणा करते हुए उन्हें अपना अजीज साथी और लम्बा सियासी तजुर्बा रखने वाला बताया. इसके जरिए आजम ने रामपुर के अपने समर्थकों को आसिम के पक्ष में जुटने का सन्देश दिया.
इससे पहले आजम की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा का नाम जोर-शोर से चल रहा था. लेकिन, आजम खान और अब्दुला आजम के साथ कई मुकदमों में तजीन फातिमा के भी नामजद होने के कारण उनके नाम पर संशय भी था. भड़काऊ भाषण के मामले में आजम खान को तीन साल की सजा के बाद रामपुर सीट से उनकी सदस्यता चली गई थी. इसलिए आजम ने अपनी करीबी आसिम पर भरोसा जताना बेहतर समझा.
इससे पहले रामपुर सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में भी आसिम राजा को सपा अपना उम्मीदवार बना चुकी है. तब आसिम को हार का समाना करना पड़ा था. भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने वह उपचुनाव जीत लिया था. घनश्याम ने सपा उम्मीदवार आसिम राजा को 42,048 वोटों से हराया था. अब फिर से आजम खां ने आसिम राजा पर भरोसा जताया है. आजम को उम्मीद है कि उनकी सीट पर आसिम जीत दर्ज करेंगे और सपा का यह गढ़ अजेय बना रहेगा.
वहीं रामपुर से उम्मीदवार बनाए गए आकाश सक्सेना की बात करें तो आजम खां की विधायकी रद्द कराने में उनकी अहम भूमिका रही है. आकाश पेशे से व्यवसायी हैं और पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं. उन्होंने ही आजम खां के खिलाफ केस दर्ज करवाया था, जिसका फैसला आने के बाद आजम की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया.
इससे पहले अब्दुल्ला आजम की फर्जी डिग्री केस में विधानसभा सदस्यता को समाप्त करवाने में भी आकाश अहम भूमिका निभा चुके हैं. मतदाता बदली हुई सियासी परिस्थितियों में आसिम राजा और आकाश सक्सेना की बीच रोचक लड़ाई की उम्मीद कर रहे हैं. रामपुर सीट पर 18 नवंबर तक नामांकन होगा. 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.