Rampur By-Election: रामपुर में आजम को झटका, मीडिया प्रभारी फसाहत अली BJP में शामिल

फसाहत अली खां शानू की गिनती आजम खां के बेहद करीबी लोगों में होती रही है. उनके खिलाफ 24 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. दो बार प्रशासन उन्हें गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर भी कर चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2022 4:49 PM

Lucknow News: रामपुर (Rampur)में अपना गढ़ बचाने में जुटे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां (Azam Khan) को सोमवार को बड़ा सियासी झटका लगा है. उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां उर्फ शानू (Fasahat Ali Khan Shanu) भाजपा (BJP) में शामिल हो गए.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार आकाश सक्सेना के कार्यालय पर फसाहत अली खां शानू को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इनके साथ ही आजम खां के करीबी इरशाद महमूद, नवीन शर्मा और वैभव यादव भी भाजपा में शामिल हो गए. नवीन शर्मा लोहिया वाहिनी के नगर अध्यक्ष रहे, जबकि वैभव यादव सपा छात्र सभा के जिलाध्यक्ष रहे हैं.

फसाहत अली खां शानू की गिनती आजम खां के बेहद करीबी लोगों में होती रही है. उनके खिलाफ 24 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. दो बार प्रशासन उन्हें गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर भी कर चुका है.

शानू खां ने विधानसभा चुनाव के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ बयान जारी कर दिया था. कहा था कि अब्दुल ही दरी बिछाएगा, अब्दुल ही वोट देगा, अब्दुल ही जेल जाएगा, अब्दुल का ही घर टूटेगा. लेकिन, मुख्यमंत्री बनेंगे अखिलेश जी. नेता प्रतिपक्ष बनेंगे अखिलेश जी. अब अखिलेश जी को उनके कपड़ों से भी बदबू आती है.

शानू खां का यह बयान बेहद सुर्खियों में रहा था. तब माना जा रहा था कि यह बयान आजम खां के इशारे पर दिया गया है. इसके बाद आजम और अखिलेश के बीच दूरियों की अटकलें लगायी जाने लगी थीं. हालांकि बाद में मामला शान्त हो गया. आजम के कहने पर ही पार्टी ने उनके करीबी आसिम राजा को रामपुर से उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीते 45 सालों में पहली बार है, जब आजम खां के परिवार का कोई भी व्यक्ति रामपुर सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहा है.

उपचुनाव में आजम को एक के बाद एक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले जहां नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा मिलने के कारण उन्होंने विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी, वहीं फिर निर्वाचन आयोग ने उनसे मतदान का अधिकार छीन लिया और उनका नाम मतदाता सूची से हटाने के आदेश दिए. इसके बाद अब उनके करीबी ने भगवा दल को अपना लिया. पार्टी नेतृत्व जहां मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में पूरी ताकत से लगा है और वहां दिन रात एक कर रहा है, वहीं रामपुर में आजम अकेले नजर आ रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version