वाराणसी में मारकंडेय महादेव के पास ढाका में मिला दुर्लभ कछुआ बना चर्चा का विषय, प्रजाति की होगी जांच

ऐसा विचित्र कछुआ पहले कभी नहीं देखा गया. इसकी ऊपरी कवच पर चार धब्बे बने हुए हैं. इसका रंग काफी डार्क है. गंगा प्रहरी नागेंद्र निषाद ने बताया कि कुछ नाविकों ने इसे गंगा में देखा तो पकड़ लिया. इसके बाद उन्होंने नाविकों से लेकर सुरक्षित रख दिया है. इसकी जांच के लिए सारनाथ स्थित इंस्टीट्यूट में भेजेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | July 24, 2022 5:11 PM

Varanasi News: वाराणसी में मारकंडेय महादेव के पास ढाका में गंगा किनारे एक दुर्लभ कछुआ पाया गया है. इस कछुआ को लेकर हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है. गंगा में इस दुर्लभ कछुवे को कुछ नाविकों ने देखा तो पकड़कर बाहर ले आये. नाविकों का कहना है कि ऐसा विचित्र कछुआ उन्होंने इसके पहले कभी नहीं देखा है. इसकी ऊपरी कवच पर चार धब्बे बने हुए हैं. इसका रंग काफी डार्क है. गंगा प्रहरी नागेंद्र निषाद ने बताया कि कुछ नाविकों ने आज इसे गंगा में देखा तो पकड़ लिया. इसके बाद उन्होंने नाविकों से लेकर सुरक्षित रख दिया है. इसकी जांच के लिए सारनाथ स्थित इंस्टीट्यूट में भेजेंगे.

डॉल्फिन समेत जलीय जीव ऊपर आ गए

गंगा प्रहरी नागेंद्र निषाद ने बताया कि पानी बढ़ने की वजह से डॉल्फिन समेत जलीय जीव ऊपर आ गए हैं, इसलिए दिखाई पड़ रहे हैं. दूर-दूर से पर्यटक गंगा में डॉल्फिन देखने के लिए आ रहे हैं. इस समय डॉल्फिन गंगा में ऊपर तक आ जाती हैं. ऐसे में यह कछुवा भी ऊपर आ गया होगा. इस प्रकार के दुर्लभ कछुवे के बारे में वैज्ञानिक ही बता पाएंगे. वैसे इस तरह का कछुआ बहुत ही कम देखा गया है. यह गंगा में काफी दिनों से नहीं दिख रहा था. इस कछुए के बारे हर वैज्ञानिक और दूसरे पहलुओं को पूरी तरह से जांचने के बाद ही सच्चाई बाहर आ पाएगी. अभी इसके नाम में संदेह है, जो कि जांच के बाद सामने आ जाएगी. गंगा प्रहरी नागेंद्र ने बताया उन्हें अभी तक 13 तरह गांगेय कछुओं पर ट्रेनिंग मिली है. मगर, यह कछुआ उनमें से शामिल नहीं है. इसके बारे में कोई बहुत तकनीकी जानकारी नहीं है. इस संबंध में आगे बताया गया कि रविवार को उत्तर प्रदेश वन्यजीव विभाग के मुख्य संरक्षक एसके दुबे, प्रयागराज के मुख्य वन संरक्षक एन रविंद्रन, सुनीता रावत और वाराणसी DFO संजय शर्मा पहुंचे.

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रिपोर्ट : विपिन सिंह

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