Rashtrapati Chunav अखिलेश यादव के लिए बना मुसीबत, ब्रजेश पाठक के साथ दिखे राजभर तो शिवपाल ने खोला मोर्चा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के लेटर बम पर तंज कसते हुए कहा कि यह चिट्ठी भाजपा ने लिखाई है. चाचा को याद रखना चाहिए कि भाजपा की सपा और नेताजी के प्रति समय-समय पर क्या भाषा रही है.
Rashtrapati Chunav 2022: राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के बीच यूपी में राजनीतिक कलह एक बार फिर सामने आ गई है. एक तरफ समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) इस दौरान यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) के साथ नजर आए, तो वहीं दूसरी तरफ शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिली.
The one (Opposition Presidential candidate Yashwant Sinha) who called Netaji (SP's Mulayam S Yadav) ISI agent, we can never support him. Hardcore SP leaders, those who follow Netaji's principles will never support a candidate who levelled such allegations:Shivpal Singh Yadav,PSP pic.twitter.com/hRrOlgINjz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 18, 2022
राजधानी लखनऊ में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली. ओमप्रकाश राजभर जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना वोट डालकर बाहर निकले तो उनके साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे. दोनों सदन के बाहर एकसाथ दिखाई दिए. यही नहीं उन्होंने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाकर एकसाथ फोटो भी खिंचाई और जीत का दावा किया. इस तस्वीर के साथ ही सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए कि क्या ओपी राजभर एक बार फिर से बीजेपी के साथ जा सकते हैं?
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इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के लेटर बम पर तंज कसते हुए कहा कि यह चिट्ठी भाजपा ने लिखाई है. चाचा को याद रखना चाहिए कि भाजपा की सपा और नेताजी के प्रति समय-समय पर क्या भाषा रही है. वहीं अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए शिवपाल ने कहा कि नेताजी पर आरोप लगाने वाले को हम और सच्चे समाजवादी कभी वोट नहीं करेंगे. जो पद पर आसीन होने जा रहा है, उसे वोट किया.
मतदान से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मैं यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट करूंगा. देश में कोई ऐसा होना चाहिए जो सरकार को समय-समय पर अर्थव्यवस्था की स्थिति बता सके. श्रीलंका का हाल देखिए. इसलिए राष्ट्रपति ऐसा होना चाहिए जो समय-समय पर यह कह सके.