Lucknow KGMU Strike : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू/KGMU) के रेजिडेंट डॉक्टर्स मंगलवार को भी हड़ताल पर हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से की जा रही इस हड़ताल ने नीट पीजी 2021 की काउंसिलिंग स्थगित करने के चलते यह कदम उठा रखा है. इस माहौल में इलाज की आस में आ रहे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बीते सोमवार को केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अपने विरोध को आवाज़ देने के लिए मशाल जुलूस निकाला था. मंगलवार को वे केजीएमयू के गेट पर ही बैठे हैं. एसोसिएशन ने इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि कोविड-19 की दो लहरों का वे बिना अपनी जान की परवाह किए मुकाबला कर चुके हैं. नीट पीजी 2021 की काउंसिलिंग का स्थगित होना पूरे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि देश में पहले से ही चिकित्सकों की भारी कमी है. ऐसे में वे इस फैसले की खिलाफत करते रहेंगे जब तक कि उनके साथ न्याय नहीं हो जाता है.
Every individual RDAs of @RDA_UP showing solidarity with @FordaIndia protest call,to solve #NEETPG2021Counselling delay@JdaPrayagraj @LlrmRda @BrdRda @GsvmKanpur @doctor_kgmu #Jhansi #Agra #bhu #amu#MedTwitter pic.twitter.com/CblgzBXp9d
— RDA Uttar Pradesh (@RDA_UP) November 28, 2021
इन रेजिडेंट्स के मुताबिक, सरकारी अस्पतालों से रेजिडेंट डॉक्टर्स के पूरे एक बैच की अनुपस्थिति के कारण इन डॉक्टर्स पर काम का बोझ बढ़ गया है. इससे मरीजों के इलाज पर भी असर पड़ रहा है. इन चिकित्सकों का कहना है कि काउंसिलिंग के बार-बार स्थगित होने से उन्हें भारी शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. ऐसे में सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरने का फैसला किया गया है. वहीं, इलाज की आस में केजीएमयू पहुंच रहे मरीजों को इस हड़ताल के चलते खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि वे मरीजों की इलाज में कोई बाधा नहीं आने देंगे. इसके लिए वे पहले से ही पुख्ता इंतज़ाम कर चुके हैं.