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यूपी की मैनपुरी के ऋतुराज प्रताप ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ UPSC की परीक्षा की पास, जानें सक्‍सेस मंत्र

मैनपुरी के गांव नगला बूंचा के निवासी सतीश चंद यादव बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में तैनात हैं. उनके बड़े पुत्र ऋतुराज प्रताप सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन कर दिया. ऋतुराज की मां गृहणी हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2022 8:53 PM

Mainpuri News: यूपी की मैनपुरी के लाल ने अपना, अपने गांव और जिले का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है. यूपीएससी की परीक्षा में पहले प्रयास में सफलता पाकर मैनपुरी के ऋतुराज प्रताप सिंह ने 296 रैंक हासिल की है. शिक्षक के बेटे ऋतुराज की सफलता से पूरे जिले में उनका नाम गूंज रहा है. वहीं, तमाम रिश्तेदार और परिचितों का उनके घर पर बधाई के लिए तांता लगा हुआ है.

मेंटिनेस इंजीनियर की छोड़ी जॉब

मैनपुरी के गांव नगला बूंचा के निवासी सतीश चंद यादव बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में तैनात हैं. उनके बड़े पुत्र ऋतुराज प्रताप सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन कर दिया. ऋतुराज की मां गृहणी हैं. वहीं, ऋतुराज ने हाई स्कूल परीक्षा वर्ष 2012 में नगर स्थित सुदिति ग्लोबल अकैडमी से पास की थी. ऋतुराज ने दसवीं की परीक्षा के बाद 12वीं की परीक्षा जिले के सीआरबी स्कूल से 2014 में पास की. इसके बाद उन्होंने 2015 से 2019 तक के बीटेक की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋतुराज 2019 से 2020 में 1 साल के लिए जामनगर की रिलायंस कंपनी में मेंटिनेस इंजीनियर के रूप में नौकरी करने लगे. वहीं, वर्ष 2021 में राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए आवेदन किया और इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी.

ऑनलाइन कोचिंग से की तैयारी

ऋतुराज ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा के लिए दिल्ली में कोचिंग ज्वाइन की. ऑनलाइन कोचिंग द्वारा उन्होंने पूरी लगन के साथ संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी की. इस दौरान वे करीब 9 से 10 घंटे तक पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता सतीश चंद यादव मां सुनीता यादव को देते हैं. साथ ही अपने गुरुजनों एवं साथियों को भी उन्होंने धन्यवाद दिया. ऋतुराज का छोटा भाई पुष्पराज सिंह भी दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है. हाल ही में पुष्पराज ने रुड़की से आईआईटी की परीक्षा पास की है. ऋतुराज प्रताप सिंह की सफलता पर जिले के लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें बधाई दी.

रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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