22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपी में कोरोना से ज्यादा सड़क हादसों में मौतें, इन शहरों में सबसे ज्यादा हो रहे एक्सीडेंट, ‘5E’ पर फोकस

यूपी में लोग अपनी जान के दुश्मन स्वयं बन रहे हैं. तमाम चेतावनी के बावजूद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से हुई मौतों के आंकड़ों ने कोरोना को भी पीछे छोड़ दिया है. कोरोना से ज्यादा सड़क हादसों में लोगों ने जान गंवाई है. ऐसे में योगी सरकार 5E के जरिए लोगों को जागरूक करेगी.

Lucknow: यूपी में बढ़ते हादसों पर लगाम कसने के लिए 5 जनवरी से 4 फरवरी तक प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा. इसमें कई विभाग मिलकर काम करेंगे, जिससे न सिर्फ हादसों को रोका जा सके, बल्कि आकस्मिक स्थिति में घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके.

5 जनवरी से 4 फरवरी तक चलेगा सड़क सुरक्षा अभियान

प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बीते एक वर्ष के भीतर 21,200 से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है, जबकि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के पिछले पौने तीन वर्ष के दौरान प्रदेश में 23,600 लोगों की मौत हुई है. इस तरह देखा जाए तो सड़क हादसों में मौतों का ग्राफ कोरोना की तुलना में कहीं ज्यादा आगे है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर चिंता जताई है. इसी के मद्देनजर 5 जनवरी से 4 फरवरी तक सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा.

कोहरे के कारण बड़ रहे हादसे

इस बीच बीते कुछ दिनों से प्रदेश भयानक कोहरे और शीतलहर की चपेट में है. इस वजह से भी सड़क हादसों में इजाफा हुआ है. आए दिन कोहरे और अन्य कारणों से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. ऐसे में योगी सरकार ने इसे न्यूनतम करने के लिए ‘5E’ पर फोकस करते हुए काम करने का निर्णय किया है. इनमें ‘5E’ से मतलब एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इमरजेंसी केयर और एनवायरमेंट है.

राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुईं 40 प्रतिशत दुर्घटनाएं

प्रदेश में कुछ जनपद ऐसे हैं, जहां सड़क हादसों की संख्या बेहद ज्यादा है. इनमें कानपुर नगर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा जैसे बड़े शहर शामिल हैं. एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े ये शहरों हादसों को केंद्र बन गए हैं. बीते एक वर्ष के रिकॉर्ड के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुईं हैं, जबकि राज्य राजमार्ग पर 30 फीसदी हादसे हुए हैं. ऐसे में एक्सप्रेस-वे, स्टेट हाइवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पेट्रोलिंग को बढ़ाने पर जोर दिया गया है.

ओवर स्पीड बनी 38 प्रतिशत हादसों की वजह

राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीड के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. पिछले एक वर्ष में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 38 प्रतिशत ओवर स्पीड के कारण घटित हुईं. इसी प्रकार, गलत दिशा में वाहन चलाने के कारण 12 प्रतिशत और मोबाइल पर बात करने के कारण करीब 9 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुईं.

Also Read: निवेश जुटाने को CM योगी ने संभाली कमान, 9 शहरों में उद्यमियों से करेंगे मुलाकात, मुंबई से होगी शुरुआत…
गोल्डन ऑवर में घायल को मिले इलाज

ऐसे में ट्रॉमा सेवाओं को और बेहतर करने के लिये गृह, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ समन्वय की रणनीति बनाई गई है. इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि एम्बुलेंस रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए. ताकि गोल्डन ऑवर में घायल को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाकर जोखिम कम किया जा सके. ट्रॉमा सेंटर में अन्य सेवाओं के साथ साथ ऑर्थोपेडिक और न्यूरो सर्जन की तैनाती भी की जाएगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें