आगरा में 50 साल पुराने मकान की छत भरभरा कर गिरी, मलबे में एक बुजुर्ग महिला और दो युवतियां दबीं
कमरे में काम कर रही बुजुर्ग महिला और दो युवतियां मलबे के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गईं. छत गिरने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे. उन्होंने छत के नीचे दबे लोगों को निकालने में मदद करते हुये घटना की सूचना पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस और एंबुलेंस पहुंच गई.
Agra News: यूपी की आगरा के थाना एतमादुद्दौला के नगला देवजीत में बरसात के कारण करीब 50 साल पुराने मकान की छत भरभरा कर गिर पड़ी. इससे कमरे में काम कर रही बुजुर्ग महिला और दो युवतियां मलबे के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गईं. छत गिरने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे. उन्होंने छत के नीचे दबे लोगों को निकालने में मदद करते हुये घटना की सूचना पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस और एंबुलेंस पहुंच गई. घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मलबा हटाकर निकाला
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के नगला दिलजीत के जसवंतनगर में जसवंत सिंह का 50 साल पुराना मकान स्थित है. गुरुवार सुबह करीब 11:00 बजे मकान के अंतिम कमरे में 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला अनोखा देवी पत्नी जसवंत सिंह, 22 वर्षीय आरती पत्नी रमेश और 19 वर्षीय कल्लो पुत्री राजू पायल बनाने का काम कर रहीं थी. इसी दौरान कमरे की आधी छत भरभरा कर धराशायी हो गई जिससे तीनों लोग मलबे के नीचे दब गए. छत गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी मौके पर आ गए. घटनास्थल के पास पर रहने वाली एक महिला ने बताया कि वह जब घर के अंदर पहुंची तो उस समय अनोखा, आरती और कल्लो मलबे के नीचे दबी हुई थीं. सभी को तत्काल लोगों ने मलबा हटाकर निकाला और घटना की सूचना क्षेत्रीय पुलिस को दी.
कोई अप्रिय घटना न घट सके
घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों घायलों को पास के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया है जहां पर 3 लोगों का इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर है. क्षेत्रीय पार्षद हरिमोहन का कहना है कि क्षेत्र में इस तरह के कई सारे मकान है जिनकी हालत बहुत ज्यादा बदहाल है. कभी भी यह मकान तेज बारिश और आंधी के चलते गिर सकते हैं. कई बार इसके लिए जिला प्रशासन को भी अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवास योजना के तहत इन मकानों को चिन्हित कर ध्वस्त किया जाना चाहिए. मकानों में रहने वाले लोगों को दूसरे मकान दिए जाने चाहिए ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न घट सके.
रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत