Kanpur News: अवैध स्कूली वाहनों पर शिकंजा कसेगा RTO, अब जनता की शिकायत के आधार पर होगी कार्रवाई

Kanpur News: कानपुर में बिना परमिट के चल रहे स्कूली वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो चुकी है. परिवहन विभाग अब जनता की शिकायत के आधार पर ऐसे वाहन मालिकों और स्कूलों पर कार्रवाई करेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2022 2:14 PM

Kanpur News: कानपुर में परिवहन विभाग एक बार फिर एक्शन मोड में आ गया है. अक्सर देखा गया है कि बिना परमिट के चल रहे स्कूली वाहनों से कई दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं,जिनका शिकार मासूम बच्चे भी होते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों पर शिकंजा कसने का नया तरीका खोज निकाला है.

दरअसल, इस नए तरीके से अब अवैध रूप से बिना परमिट के चल रहे वाहनों पर शिकंजा कसा जाएगा. स्कूली बच्चों को लाने- ले जाने वाले निजी वाहनों की पहचान कराने के लिए परिवहन आयुक्त स्तर पर अनूठी पहल की गई है. स्कूल संचालक और आमजन गोपनीय रिपोर्ट देंगे, जिसके आधार पर आरटीओ की टीम वाहन को पकड़ेगी. उसे स्कूल वाहन के तय मानक के हिसाब से तब्दील कराएगी और परमिट भी दिया जाएगा. इसके लिए हर स्कूल में एक-एक टीचर को नोडल बनाया गया है. आरटीओ में भी एक नोडल अफसर होगा.

वाहन में चालक और मालिक के नही होते नम्बर

कानपुर परिवहन विभाग में छोटे-बड़े कुल 622 स्कूली वाहन रजिस्टर हैं, जबकि परिवहन अफसरों के मुताबिक, स्कूली बच्चों को लगभग तीन हजार वाहन लाने और ले जाने का काम करते हैं. स्कूल संचालकों के पास इन निजी वाहन चालकों और मालिकों के नंबर तक नहीं होते. आरटीओ को भी कोई जानकारी नहीं होती.

सूचना देने वाले का नाम होगा गोपनीय

एआरटीओ मानवेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना पर शत-प्रतिशत कार्रवाई होगी. जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा. वहीं, एआरटीओ प्रवर्तन टीम के नामित नोडल अफसर को कोई भी अभिभावक या फिर आमजन सूचना दे सकता है कि कौन-सा निजी वाहन है और किस मोहल्ले से किस स्कूल के बच्चे ले जाता है. इस आधार पर उस वाहन की पहचान कर उसे वैध कराया जाएगा. स्कूली वाहन स्कूल में रजिस्टर होते हैं उन वाहन में चालक का नाम, मोबाइल नंबर भी लिखा होता है, लेकिन निजी वाहन में सुरक्षा का कोई मानक नहीं होता है.

वहीं एआरटीओ परिवर्तन उदयवीर सिंह का कहना है कि जो वाहन विद्यालय से रजिस्ट्रर होते हैं उनमें चालक का नाम और मोबाइल नम्बर और विद्यालय की डिटेल्स होती हैं, लेकिन जो निजी वाहन से बच्चे आते-जाते हैं उन वाहनों की कोई भी डिटेल्स नहीं होती. जिससे पता नहीं चल पाता कि ड्राइवर कौन है. निजी वाहनों में सुरक्षा का कोई मानक भी नहीं होता. यही कारण है कि अवैध वाहनों पर अब कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट- आय़ुष तिवारी

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