Rudrabhishek: सावन में इस विधि से करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक,​ पूरे होंगे रुके हुए काम, मिलेंगे कई लाभ

भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना सावन ही होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का भी खास महत्व होता है. भगवान शिव का रुद्राभिषेक अलग-अलग चीजों से किया जा जाता है, जिसका विशेष महत्व होता है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 22, 2022 1:37 PM

Varanasi News: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है और महादेव को यह महीना अत्यंत प्रिय होता है. सावन के महीने में लोग भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करते हैं. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का भी खास महत्व होता है. भगवान शिव का रुद्राभिषेक अलग-अलग चीजों से किया जा जाता है, जिसका विशेष महत्व होता है. काशी धर्म परिषद के महासचिव आचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी से जानते है सावन माह में रुद्राभिषेक करने का क्या महत्व है औऱ किन -किन विधियों से रुद्राभिषेक करने से लाभ होगा।

पण्डित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं. शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं. हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार, हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं. रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म और महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं, और साधक में शिवत्व का उदय होता है.

उन्होंने बताया कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है. रुद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका, अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं.

भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है. सावन के महीने के प्रत्येक दिन भगवान शिव का अभिषेक गाय के दूध और विशेषकर सावन के सोमवार को अवश्य ही करना चाहिए. भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति को संतान प्राप्ति करने की इच्छा पूरी होती है. महादेव का दही से अभिषेक करना विशेष लाभकारी माना गया है, अगर शिवलिंग का दही से अभिषेक किया जाय तो जातक के कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है. इसके अलावा दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.

भगवान शिव ने अपनी जटाओं में मां गंगा को धारण कर रखा है. ऐसे में जो भक्त सावन के महीने में शिवजी का अभिषेक गंगाजल से करता है. उसपर शिवजी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है. गंगाजल से अभिषेक करने पर व्यक्ति जीवन और मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है. भगवान शिव का रुद्राभिषेक शहद से करने का विशेष महत्व होता है. जो शिव भक्त सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव का अभिषेक शहद से करता है उसको जीवन में हमेशा मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा शहद से अभिषेक करने पर व्यक्ति की वाणी में पैदा दोष खत्म हो जाता है और स्वभाव में विनम्रता आती है.

अगर भगवान शिव का अभिषेक शुद्ध देसी घी से किया जाय तो व्यक्ति की सेहत अच्छी रहती है.अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी की वजह से लंबे से ग्रसित है तो सावन के महीने में भगवान शिव का अभिषेक घी से अवश्य ही करना चाहिए. भगवान शिव का अभिषेक इत्र से भी जाता है. जो जातक किसी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं उन्हें भगवान शिव का अभिषेक इत्र से करना चाहिए। इत्र से अभिषेक करने पर जातक के जीवन में शांति आती है. व्यक्ति के जीवन से आर्थिक परेशानियां खत्म करने के लिए शिवजी का अभिषेक गन्ने के रस करना लाभ देने वाला होता है। इससे व्यक्ति पैसे की किल्लत की समस्या से बाहर निकल आता है.

जिन जातकों की कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष होता है उन्हे शिव का अभिषेक सरसों के तेल से करना चाहिए. इससे पाप ग्रहों का कष्ट कुछ कम हो जाता है और शत्रुओं का नाश व पराक्रम में इजाफा होता है. पुण्य लाभ और शिव कृपा पाने के लिए शुद्ध जल से अभिषेक करने का विशेष महत्व होता है .यदि आपके गृहस्थ जीवन में क्लेश है या किसी प्रकार का दुःख है तो 40 दिनों तक बेलपत्र से रुद्राभिषेक करें. गृहस्थ जीवन सुखमय हो जाएगा. नकारात्मक शक्तियों की समाप्ति के लिए वर्षा जल से रूद्राभिषेक करें. नारियल पानी से रुद्राभिषेक करने से शत्रु और प्रेत बाधा दूर होती है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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