Bareilly: दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन बुल्डोजर पर बोले- बच्चों और महिलाओं को न करो बेघर
सज्जादानशीन ने कहा कि मुसलमानों से उनका हक छीना जा रहा. शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों को पुलिस बंदूक की गोली का निशाना बना रही है. मुफ्ती अहसन मियां ने भाजपा प्रवक्ताओं के नबी-ए-करीम की शान में की गई गुस्ताख़ी और पुलिस की कार्रवाई को लेकर कई सवाल खड़े किए.
Bareilly News: दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने बुल्डोजर से घरों को गिराएं जाने पर नाराजगी जताई. बोले, गुनाहगारों को सजा मिलनी चाहिए. उनके घर गिराकर बच्चों और महिलाओं को बेघर नहीं किया जाना चाहिए. बुल्डोजर कोर्ट और जज नहीं है. इसमें न्यायपालिका को आगे आना चाहिए. सज्जादानशीन ने हुक़ूमत (सरकार) से मुल्क में अमन-ओ-सुकून (शांति) की खातिर नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजने की बात कही.
उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की
सज्जादानशीन ने कहा कि मुसलमानों से उनका हक छीना जा रहा.शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों को पुलिस बंदूक की गोली का निशाना बना रही है. मुफ्ती (अहसन मियां ने भाजपा प्रवक्ताओं के नबी-ए-करीम की शान में की गई गुस्ताख़ी और उसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से किये गए प्रदर्शनों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर कई सवाल खड़े किए. जुमे को रांची (झारखंड) में हुए बवाल की कड़े शब्दों में निंदा कर झारखंड हुक़ूमत से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. बोले, नमाज़ के बाद निहत्थे मुसलमानों पर पुलिस ने गोलियां चला दी. इससे दो लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही तमाम लोग मौत और जिंदगी की जंग अस्पतालों में लड़ रहे हैं. पुलिस- प्रशासन देश मे दोहरा रवैया अपना रहा है.
…तो पुलिस हाथ बांधे खड़ी रहती
मुल्क में मुसलमानों को छोड़ कर अन्य समुदाय धरना प्रदर्शन करता है, तो पुलिस हाथ बांधे खड़ी रहती है. वहीं मुसलमान अगर अपनी जायज़ मांग के लिए आवाज़ उठाते है, तो उनको बन्दूकों की गोली का निशाना बनाया जाता है. मुल्क में सबको अपनी बात शांतिपूर्ण तरीक़े से रखना हक़ है. पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग के नाम पर बेकसूरों के सिर और सीने को निशाना बनाया गया. इसका विरोध किया जाना चाहिए. मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने कहा कि पुलिस आरोपी बनाकर उनके घर मे रहने वाले बेकसूर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को बेघर कर कर रही है. हमारा आईन (संविधान) इसकी तो कतई इजाज़त नहीं देता. किसी की सज़ा, उसके बेगुनाह घर वालों को नहीं दी जानी चाहिए.विदेशों में हमारे मुल्क की बदनामी हो रही है. आगे कहा कि दुनियाभर का मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन अपने नबी के बारे में अदना सी भी गुस्ताख़ी बर्दाश्त नही कर सकता.उन्होंने मुसलमानों से भी इस मसले पर अपनी बात संविधानिक तरीके से हुक़ूमत तक पहुंचाने की बात कही.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद