Samajwadi Party 30th foundation: समाजवादी पार्टी (सपा) का आज यानी मंगलवार को 30वां स्थापना दिवस है. पार्टी की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने की थी. सपा 4 अक्टूबर को 30 वर्ष की हो गई है. पार्टी ने 30वें स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने का फैसला लिया था. मगर सपा के संस्थापक एवं पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव कई दिन से बीमार हैं. वे मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी हालत काफी गंभीर है.
इसके साथ ही पार्टी के पुराने नेता मुहम्मद आजमा खां भी बीमार हैं. उनका भी दिल्ली में इलाज चल रहा है. इसके चलते तीन दशक का सफर पूरा करने वाली पार्टी ने स्थापना दिवस पर कोई कार्यक्रम भी नहीं किया. यूपी के जिलों में जश्न मनाने के बजाय पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सेहत के लिए दुआ मांगी जा रही है. 30 वर्ष का सफर पूरा करने वाली सपा के 29 सितंबर को आयोजित 11वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है.
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने दल से सितंबर 1992 में सजपा से नाता तोड़ लिया था.उनका कहना था कि, “भीड़ हम उन्हें जुटाकर देते हैं और पैसा भी. फिर वे (देवीलाल, चंद्रशेखर, वीपी सिंह आदि) हमें बताते हैं कि क्या करना है, क्या बोलना है. मगर, हम अपना रास्ता खुद बनाएंगे.
चार अक्टूबर 1992 को लखनऊ में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी. चार और पांच नवंबर को लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में उन्होंने पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन (सम्मेलन) आयोजित किया.
मुलायम के पुराने साथियों में सिर्फ मुहम्मद आजम खां बचे हैं. वह भी काफी समय से बीमार हैं. नेता जी खुद भी बीमार हैं. जनेश्वर मिश्र, कपिल देव सिंह और बेनी प्रसाद वर्मा दुनिया से अलविदा कह चुके हैं. पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव सपा के अध्यक्ष, जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष, कपिल देव सिंह और मोहम्मद आज़म खान पार्टी के महामंत्री बने. मोहन सिंह को प्रवक्ता नियुक्त किया गया लेकिन बेनी प्रसाद वर्मा को कोई पद नहीं मिला. इससे वह रूठकर घर बैठ गए. सम्मेलन में नहीं आए. मुलायम सिंह ने उन्हें घर जाकर मनाया, फिर सम्मेलन में लेकर आए.
सपा और बसपा ने यूपी में मिलकर चुनाव लड़ा. बसपा पहले यूपी में आठ से दस सीटें जीतती थी. मगर, 1993 में सपा के साथ गठबंधन करने से बसपा ने 67 सीटों पर विजय प्राप्त की.सपा के साथ सरकार में रही. मगर मायावती ने समर्थन वापस ले लिया. बताया जाता है कि मायावती को ‘डराने’ के लिए दो जून, 1995 को स्टेट गेस्ट हाउस कांड करवाया गया था. इसके बाद रिश्ते काफी खराब हो गए. मायावती ने समर्थन वापस ले लिया. सपा की सरकार गिर गई. मायावती ने भाजपा के साथ यूपी में सरकार बना ली. सपा ने फिर 2003 और 2012 में सरकार बनाई.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद