17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Varanasi Serial Blast: सपा ने कभी आतंकी वलीउल्‍लाह को राहत देने का बनाया था प्‍लान, आज हुआ फांसी का ऐलान

Varanasi Serial Blast Case: वाराणसी में 16 साल पहले 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई है. दो दिन पहले ही उसे दोषी ठहराया गया था. आतंकी वलीउल्लाह को गाजियाबाद की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. वहीं दूसरे मामले में उसे उम्रकैद की सजा दी गई है.

Varanasi Serial Blast Case: वाराणसी में 16 साल पहले 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई है. संकटमोचन व कैंट स्टेशन पर 7 मार्च 2006 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी वलीउल्लाह व शमीम पर से उस समय की सपा सरकार ने गुपचुप तरीके से मुकदमा वापसी की तैयारी शुरू कर दी थी. विशेष सचिव राजेंद्र कुमार की ओर से इस बाबत पत्र जिला प्रशासन को भेजा गया था. हालांकि इसकी भनक लगने के बाद हर तरफ विरोध शुरू हो गया था. सरकार को यह मंशा ठंडे बस्ते में डालनी पड़ी थी.

दो मामले में कोर्ट ने सुनाई है सजा

वाराणसी में 16 साल पहले 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई है. दो दिन पहले ही उसे दोषी ठहराया गया था. आतंकी वलीउल्लाह को गाजियाबाद की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. वहीं दूसरे मामले में उसे उम्रकैद की सजा दी गई है. 16 साल पहले संकटमोचन और कैंट स्टेशन में यह सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इस घटना में 18 लोगों की मौत हुई थी. वलीउल्लाह का केस लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने मना कर दिया था. इसके बाद हाइकोर्ट ने केस गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. तब से केस की सुनवाई गाजियाबाद के जिला जज की कोर्ट में चल रही थी. इस आतंकवादी घटना को याद करके काशी की जनता आज भी सिहर उठती है. इतने साल बीत जाने के बाद भी जनता के जेहन में 7 मार्च 2006 याद आ जाता है. आज इस मामले में वलीउल्लाह को फांसी की सजा दिए जाने के फैसले से काशी की जनता को सुकून मिला है. उन परिवारों को न्याय व्यवस्था पर भरोसा हुआ है, जिन्होंने इस ब्लास्ट में अपनों को खोया है.

105 गवाहों ने दर्ज कराया था बयान

सात मार्च, 2006 की शाम वाराणसी में संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इसके साथ ही दशाश्वमेध घाट के व्यस्ततम इलाके डेढ़सी पुल पर कुकर बम बरामद हुआ था. उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद ट्रांसफर कर दिया गया था. अभियोजन की ओर से GRP कैंट ब्लास्ट मामले में 53 और संकट मोचन ब्लास्ट केस में 52 गवाह पेश किए गए थे. सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में यूपी पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को प्रयागराज जिले के फूलपुर गांव के रहने वाले वलीउल्लाह को अरेस्ट किया था. पुलिस ने पुख्ता सुबूतों के आधार पर यह दावा किया था कि संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन वाराणसी पर ब्लास्ट की साजिश रचने में वलीउल्लाह की ही भूमिका थी. पुलिस ने वलीउल्लाह के ताल्लुक आतंकी संगठन से भी बताए थे. 

और कोई नहीं हो पाया था अरेस्‍ट

इस मामले में अकेले वलीउल्लाह की ही गि‍रफ्तारी हुई थी. इसमें अन्य आरोपियों में शामिल कुछ और नाम भी सामने आये थे. इनमें मुस्तकीम, जकारिया और चंदौली के लौंदा झांसी गांव का शमीम भी शामिल था. मगर वलीउल्लाह के अलावा एजेंसियों के हाथ दूसरा कोई आरोपी नहीं आया. कहा जाता है कि यह सभी बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान भाग गए. पुलिस ने वलीउल्लाह से एके-47 और आरडीएक्स बरामद किया था. वलीउल्लाह के संबंध आतंकी संगठन हूजी से भी बताए गए थे. उस पर मार्च 2006 में संकट मोचन मंदिर में हुए धमाके की साजिश रचने और आतंकवादी संगठन हूजी को पनाह देने का आरोप था.

रिपोर्ट : विप‍िन स‍िंह

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें