विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद पाने की तैयारी में जुटी सपा, बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक MLC सीट पर निगाह
यूपी विधान परिषद में सपा के पास सिर्फ 9 सदस्य बचे हैं. मगर, सपा को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पाने के लिए 10 सदस्य चाहिए. क्योंकि, विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 100 है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 3 खंड स्नातक और 2 शिक्षक क्षेत्र की सीट पर चुनाव हैं.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सपा के पास सिर्फ 9 सदस्य बचे हैं. मगर, सपा को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पाने के लिए 10 सदस्य चाहिए. क्योंकि, विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 100 है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 3 खंड स्नातक और 2 शिक्षक क्षेत्र की सीट पर चुनाव हैं. सपा इसमें से एक सीट जीतकर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी हासिल कर सकती है, जिसके चलते सपा एक सीट जीतने की कोशिश में जुटी है. सपा की निगाह बरेली- मुरादाबाद खंड स्नातक सीट पर लगी है. इसके लिए वोटरों से व्यक्तिगत संपर्क की रणनीति पर काम किया जा रहा है.
बरेली की सीट पर 10 प्रत्याशी मैदान में
हर जिले में विधायकों, सांसदों से लेकर प्रभावी लोगों को जमीन पर उतारने की तैयारी है. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी सभी जिलों में पहुंचने लगे हैं. वह 25 जनवरी को बरेली पहुचेंगे. यहां के नेताओं के साथ ही स्नातक मतदाताओं से भी बात करेंगे. 26 जनवरी को मुरादाबाद में भी कार्यक्रम है, जबकि 24 को शाहजहांपुर में भी कार्यकर्ता और मतदाताओं में जोश भरने की तैयारी है. बरेली की सीट पर 10 प्रत्याशी मैदान में हैं.
एक भी सीट सपा के पास नहीं
यूपी की 5 विधानसा परिषद सीट पर चुनाव है, लेकिन सपा के पास एक भी सीट नहीं है. सभी विधान परिषद की 5 सीट भाजपा के पास बताई जा रही हैं. सपा ने 5 विधान परिषद सीट के चुनाव के लिए 18 जिलों में प्रभारी भी घोषित कर दिए हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, लालजी वर्मा, अंबिका चौधरी, पूर्व मंत्री अताउर्रमान जैसे अनुभवी नेताओं को कमान सौंपी गई है. यह लोग 18 जिलों में वोटर से संपर्क कर रहे हैं.
इन मुद्दों पर बीजेपी का घेराव कर रही सपा
सपा, स्नातक खंड चुनाव में पुरानी पेंशन, बेरोजगारी, नौकरियों में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर रही है. विधान परिषद के चुनाव में सपा को जीत मिली, तो सदन में स्थिति बेहतर होगी. यूपी की 12 विधान परिषद सीट का कार्यकाल जुलाई 2022 में खत्म हुआ था. इसमें परिषद के जिन 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हुआ था, उनमें सपा के भी थे. इसके बाद सपा के विधान परिषद में सिर्फ 9 सदस्य बचे हैं, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हट गया. सपा एक भी सीट जीत गई, तो विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी उसे वापस मिल जाएगी.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली