UP: पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल को हाई कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज, चर्चित डकैत रहे ददुआ के हैं भाई
बांदा की नगर कोतवाली में बाल कुमार पटेल के खिलाफ रमाकांत त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें बांदा की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बाल कुमार पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में बाल कुमार पटेल ने याचिका दाखिल कर अग्रिम जमानत की मांग की थी.
Lucknow: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाल कुमार पटेल को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. अपने समय के चर्चित डकैत रहे ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल की अग्रिम जमानत की अर्जी को हाईकोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की. सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया.
जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में हुई. जस्टिस गोपाल की बेंच ने सुनवाई के बाद पूर्व सांसद को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.
बांदा की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
बांदा की नगर कोतवाली में बाल कुमार पटेल के खिलाफ रमाकांत त्रिपाठी ने धारा 419, 420 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें बांदा की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बाल कुमार पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में बाल कुमार पटेल ने याचिका दाखिल कर अग्रिम जमानत की मांग की थी.
हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी पर जताई नाराजगी
वहीं हाईकोर्ट ने सपा नेता के मामले में जांच अधिकारी पर भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने बांदा कोतवाली के सब इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव गोस्वामी द्वारा तथ्यों को छुपाकर गलत हलफनामा दाखिल किए जाने पर नाराजगी जताई है. इस संबंध में कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.
बालकुमार पटेल पर दर्ज हैं 27 मामले
अपने हलफनामे में हाईकोर्ट को बताया था कि बालकुमार पटेल के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है, उसकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है. बाद में एतराज होने पर बांदा के एसपी ने कोर्ट में बयान दिया कि बालकुमार पटेल शातिर अपराधी हैं और उसके खिलाफ 27 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और बांदा एसपी उठाएं उचित कदम
हालांकि चौबीस से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की वजह से ही हाईकोर्ट ने बालकुमार पटेल को कोई राहत नहीं दी. हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर के गलत हलफनामे को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने माना है कि अपराधी को मदद करने की नियत से झूठा हलफनामा दाखिल किया गया है. कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और बांदा के एसपी को इस बारे में उचित कदम उठाए जाने का निर्देश दिया है.
2020 में दर्ज हुआ था मुकदमा
बांदा निवासी रमाकांत त्रिपाठी ने बालू के धंधे में पैसे लगाने के नाम पर बालकुमार पटेल पर 65 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इसी मामले में रमाकांत त्रिपाठी ने 2020 में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल को निचली अदालत से राहत नहीं मिली थी.
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विवेचना में बालकुमार ने नहीं किया सहयोग
कोर्ट की कार्यवाही और विवेचना में भी बालकुमार ने सहयोग नहीं किया था. इस बात की जानकारी इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल किए गए पुलिस के जवाबी हलफनामे में भी जिक्र किया गया है. पूर्व सांसद पर आपराधिक इतिहास को भी छुपाने का आरोप लगा है. जिसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बालकुमार पटेल को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.