Samjwadi Party News: अखिलेश यादव ने बलरामपुर गैंगरेप को बनाया मुद्दा, कहा यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त

अखिलेश यादव ने यूपी महिलाओं पर हो रहे अपराध को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि बाराबंकी में महिला की पीटकर हत्या, मेरठ में महिला से सामूहिक दुष्कर्म, लखनऊ में बंथरा इलाके में किशोरी से दुष्कर्म, ये सब घटनाएं इस बात की प्रमाण है कि झूठा डबल इंजन फेल हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2022 7:43 PM

Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बलरामपुर में नेपाली किशोरियों से गैंगरेप की घटना को लेकर यूपी की कानून व्यवस्था पर कड़ी टिप्पणी की है. सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति तले महिलाओं पर सत्ता संरक्षित अपराधियों का हमला चरम पर है. बलरामपुर में नेपाली किशोरियों से गैंगरेप इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

झूठा डबल इंजन फेल

अखिलेश यादव ने कहा कि बाराबंकी में महिला की पीटकर हत्या, मेरठ में महिला से सामूहिक दुष्कर्म, लखनऊ में बंथरा इलाके में किशोरी से दुष्कर्म, ये सब घटनाएं इस बात की प्रमाण है कि झूठा डबल इंजन फेल हो गया है और यूपी अपराध में नंबर वन बन गया है. सत्ता संरक्षित अपराधी बेखौफ होकर अपहरण कर रहे हैं.

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सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी सरकार ने जहां अयोध्या में अंडरग्राउंड विद्युतीकरण का काम कराया. भाजपा सरकार ने उसे रोक कर शहरों में तारो का मकड़जाल फैलाया. एक तो सरकार बिजली नहीं दे पा रही हैं, ऊपर से अब बरसात के मौसम में अस्पताल की छत पर बिजली के तारों का मकड़जाल बड़ी अनहोनी की दस्तक दे रहे हैं. बारिश में शार्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है.

डिप्टी सीएम फोटो खिंचा रहे, अस्पतालों में दुर्दशा

उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री फोटो खिंचवाने और सुर्खियों में बने रहने के लिए जिन अस्पतालों का दौरा कर चुके हैं, उन अस्पतालों की दुर्दशा भी सुधर नहीं रही है. यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो चुकी है. गाजियाबाद में मां को कंधे पर उठाए अस्पताल में जाते बेटे की तस्वीर भाजपा के शासनकाल में स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती हालत बयान करती है. आखिर स्वच्छ भारत और सच भारत कब बनेगा?

बीजेपी-आरएसएस राज में अपील-दलील को मान्यता नहीं

अखिलेश यादव ने कहा के बीजेपी राज में लोग नरकनुमा जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं. मजबूर जनता की कहीं सुनवाई नहीं है. वैसे भी भाजपा-आरएसएस के कानून में अपील और दलील जैसी किसी चीज की मान्यता नहीं है. ये संगठन एकाधिकारी मानसिकता से काम करते हैं. भाजपा-आरएसएस लोकतंत्र, समाजवाद और पंथनिरपेक्षता पर विश्वास नहीं करती है. जबकि समाजवादी पार्टी लोकतंत्र और संविधान के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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