Loading election data...

बरेली: CM योगी को कागज की नाव भेंट करना चाहते हैं सपा पार्षद, सोशल मीडिया पर उठा शहर के गड्ढों का मुद्दा

Bareilly News: बरेली की जनता इन दिनों शहर की सड़कों में बढ़ते गड्ढों से बुरी तरह से त्रस्त है. इस बीच आज सीएम योगी के आगमन की खबर मिलते ही सपा पार्षद ने उन्हें कागज की नाव देने की पेशकश की है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 31, 2022 1:13 PM

Bareilly News: सीएम योगी आदित्यनाथ कुछ घंटों में बरेली की सरजमीं पर आ रहे हैं. मगर, इससे पहले समाजवादी पार्टी के महानगर संगठन के महासचिव एवं नगर निगम के पार्षद गौरव सक्सेना ने सीएम योगी आदित्यनाथ को कागज की नाव पेश करने की ख्वाहिश जाहिर की है. उन्होंने कागज की नाव बनाकर बरेली की जनता की ओर से सप्रेम भेंट करने की बात कही है.

सीएम के आगमन से पहले सपा ने की घेरने की तैयारी

कागज की नाव पर लिखा है, ‘श्री योगी आदित्यनाथ जी माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को बरेली की त्रस्त जनता की ओर से सप्रेम भेंट’ इसके साथ ही यह कागज की नाव सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. उन्होंने लिखा है ‘मजदूर अर्जुन हम शर्मिंदा हैं, शहर में गड्ढे जिंदा हैं. बरेली के मेयर उमेश गौतम ने पिछले दिनों 07 अक्टूबर को बारिश के दौरान शहर के लोगों को कागज की नाव पानी में चलाकर आनंद लेने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला था. इसके बाद मेयर को लोगों ने वीडियो पर घेरा था.


सड़कों के गड्ढों से जनता का हाल-बेहाल

मेयर ने वीडियो में बारिश में नाव चलाकर अपने बचपन को याद करने की बात कही थी. उस दौरान शहर में पानी ही पानी था. जगह-जगह जलभराव था. स्मार्ट सिटी की सड़कों में गड्ढों के कारण तमाम लोग घायल हो गए थे. इसके साथ ही शाहजहांपुर निवासी रिक्शा चालक अर्जुन की रिक्शा पलटने के कारण एंगल के नीचे दबकर मौत हो गई थी.

सपा पार्षद गौरव सक्सेना ने नाव भेंट करने की जताई इच्छा

सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ का बरेली आगमन है. इससे पहले ही सपा पार्षद गौरव सक्सेना ने कागज की नाव बनाकर सीएम योगी आदित्यनाथ को बरेली की तरफ से भेंट करने के साथ ही मजदूर अर्जुन हम शर्मिंदा हैं, शहर के गड्ढे जिंदा है सोशल मीडिया पर डाला है. इसको लोग काफी पसंद कर रहे हैं, तो वहीं शहर की स्मार्ट सिटी की सड़कों के गड्ढों की यादें ताजा हो गई हैं. सपा पार्षद ये कागज की नाव सीएम को भेंट कर पाते हैं या नहीं. इस बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद- बरेली

Next Article

Exit mobile version