UP MLC Chunav: सपा ने जारी की दोनों चरणों के लिए एमएलसी प्रत्याशियों की सूची, कल है नामांकन का आखिरी दिन

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. घोषित की गयी सूची में प्रथम चरण में 30 और द्वितीय चरण में 6 प्रत्याशियों के नाम हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | March 20, 2022 5:20 PM
an image

Lucknow News: समाजवादी पार्टी की ओर उत्तर प्रदेश की विधान परिषद चुनाव 2022 के लिए 36 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. घोषित की गयी सूची में प्रथम चरण में 30 और द्वितीय चरण में 6 प्रत्याशियों के नाम हैं.

Up mlc chunav: सपा ने जारी की दोनों चरणों के लिए एमएलसी प्रत्याशियों की सूची, कल है नामांकन का आखिरी दिन 4
Up mlc chunav: सपा ने जारी की दोनों चरणों के लिए एमएलसी प्रत्याशियों की सूची, कल है नामांकन का आखिरी दिन 5
ऐसे होता है एमएलसी का चुनाव

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 36 सीटों पर विधान परिषद का चुनाव होना है. इस चुनाव के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है. पहले चरण के लिए नामांकन 21 मार्च तक किए जा सकेंगे. इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच होगी और नाम वापस लिए जा सकेंगे. उत्तर प्रदेश की बात करें तो विधान परिषद में कुल 100 सीटें हैं. विधान परिषद का नियम है कि विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए. उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सदस्य हैं, इसका सीधा मतलब है कि यूपी विधान परिषद में ज्यादा से ज्यादा 134 सदस्य हो सकते हैं. वहीं, विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना भी अनिवार्य हैं.

Also Read: MLC Election Process: विधानसभा में जो मजबूत विधान परिषद में उसी का जलवा, जानें एमएलसी चुनाव की प्रक्रिया चुने जाएंगे 36 एमएलसी

प्रदेश में स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 35 सीटें हैं. इसमें मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से दो प्रतिनिधि चुने जाते हैं. इसलिए 35 सीटों पर 36 सदस्यों का चयन होता है. अमूमन यह चुनाव विधानसभा के पहले या बाद में होते रहे हैं. इस बार 7 मार्च को कार्यकाल खत्म होने के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा के बीच में ही इसकी घोषणा कर दी थी. बाद में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर परिषद के चुनावों को टाल दिया गया था. स्थानीय निकाय की सीट पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं.

छह राज्यों में है विधान परिषद

अभी देश के छह राज्यों में ही विधान परिषद हैं. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 100 सीटें हैं. इसके अलावा बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी विधान परिषद है. विधान परिषद में एक निश्चित संख्या तक सदस्य होते हैं. संविधान के तहत विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए. उदाहरण के तौर पर समझें तो यूपी में 403 विधानसभा सदस्य हैं. यानी यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं. इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य का होना अनिवार्य है. एमएलसी का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है. मगर कार्यकाल 1 साल ज्यादा होता है. विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है. वहीं, विधानसभा सदस्य यानी विधायक का कार्यकाल 5 साल का होता है.

Exit mobile version