अख‍िलेश यादव के एक फैसले से मुसीबत में आई सपा, यूपी में रहने की चाहत अब दिल्‍ली में देगी ‘दिक्‍कत’

विधायक बनने के बाद सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव और वर‍िष्‍ठ सपा नेता आजम खान ने अपनी लोकसभा की संसदीय सीट से इस्‍तीफा दे दिया था. इसके साथ ही लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्‍यों की संख्‍या घटकर 3 रह गई थी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 26, 2022 6:04 PM
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UP Rampur And Azamgarh By Election Results 2022: उत्‍तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्‍य है. लोकसभा में वर्तमान में कुल 543 सीटें हैं. इनमें से सपा के पास हाल में हुए विधानसभा चुनाव 2022 से पहले तक कुल 5 सांसद थे. विधायक बनने के बाद सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव और वर‍िष्‍ठ सपा नेता आजम खान ने अपनी लोकसभा की संसदीय सीट से इस्‍तीफा दे दिया था. इसके साथ ही लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्‍यों की संख्‍या घटकर 3 रह गई थी. रव‍िवार 26 जून को जारी लोकसभा उपचुनाव 2022 के पर‍िणाम में सपा के सारे अरमान चूर-चूर हो गये. ऐसे में लोकसभा में सपा को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

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भाजपा की बढ़ी ताकत

देश की लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं. इनमें से भारतीय जनता पार्टी के पास रव‍िवार की सुबह तक 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्‍तर प्रदेश में भाजपा की लहर चली थी. विपक्षियों के सारे दांव-पेंच को दरकिनार करते हुए भाजपा को 62 संसदीय सीटों पर कमल खिलाने में कामयाबी मिली थी. वहीं, भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थीं. सपा-बसपा गठबंधन ढेर हो गया था. बसपा के खाते में जहां 11 सीटें आई थीं. वहीं, सपा पांच पर सिमट गई थी. अब इन्‍हीं आंकड़ों में फेरबदल हो गया है. रामपुर और आजमगढ़ में सपा का किला ढहने के सा‍थ ही भाजपा के खाते में दो और सीट बढ़ गई है. अब भाजपा के पास 64 सीट हैं.

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लोकसभा में सपा हुई कमजोर

रामपुर और आजमगढ़ के उपचुनाव में आये पर‍िणामों ने सपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. लोकसभा में सपा के अब सिर्फ तीन सांसद ही रह गए हैं. इनमें यूपी के संभल से शफीकुर्र रहमान बर्क और मुरादाबाद से हसन और सपा संरक्षक मुलायम स‍िंह यादव मैनपुरी संसदीय सीट से सपा का प्रभुत्‍व जता रहे हैं. ऐसे में यद‍ि विधानसभा चुनाव 2022 में विधायक बनने के बाद सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव ने आजमगढ़ और रामपुर से आजम खान ने इस्‍तीफा न दिया होता तो सपा को लोकसभा में मजबूती मिली रहती. मगर उनके इस्‍तीफा देने और उपचुनाव में पार्टी के प्रत्‍याश‍ियों के हार जाने के बाद संसद में सपा की आवाज पर असर पड़ जाएगा.

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