Mulayam Singh Yadav Death: संघर्षों से भरा रहा धरतीपुत्र का जीवन, इसी साल पत्नी साधना ने छोड़ा था साथ

Mulayam Singh Yadav Death: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज उपचार के दौरान निधन हो गया. बीते कई दिनों से उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी, उनकी तबीयत में कोई खास सुधार नहीं हो रहा था, बल्कि हालत लगातार नाजुक होती जा रही थी. इस बीच 'धरतीपुत्र' ने आज उपचार के दौरान अंतिम सांंल ली.

By Sohit Kumar | October 10, 2022 11:42 AM

Mulayam Singh Yadav Death: गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज उपचार के दौरान निधन हो गया. बीते कई दिनों से उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी, उनकी तबीयत में कोई खास सुधार नहीं हो रहा था, बल्कि हालत लगातार नाजुक होती जा रही थी. इस बीच ‘धरतीपुत्र’ ने आज उपचार के दौरान अंतिम सांंल ली.

इसी साल हुआ था साधना गुप्ता का निधन

बता दें, इसी साल जुलाई में समाजवादी पार्टी के मुखिया की पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया था. उनका फेफड़ों में संक्रमण का इलाज चल रहा था. साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया. मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं. ऐसे में सपा संस्थापक का निधन होना समाजवादी पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका है.

संघर्षों से भरा रहा है धरती पुत्र का जीवन

यूपी के इटावा जिले में स्थित सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह यादव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. मुलायम सिंह यादव जैन इंटर कॉलेज करहल मैनपुरी में प्रवक्ता के पद पर भी कार्यरत रहे थे. 1967 में 28 वर्ष की अल्पायु में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए और वर्ष 1977 में पहली बार राज्य मंत्री बनाए गए. साल 1980 में वे यूपी में लोक दल के अध्यक्ष भी रहे है.

किसान नेता के नाम से भी जाने जाते थे मुलायम सिंह यादव 

आम लोगों के बीच मुलायम सिंह किसान नेता, नेताजी और धरती पुत्र जैसे नामों से जाने जाते है. मुलायम सिंह तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे है और एक बार देश के रक्षामंत्री का जिम्मा संभाला है. वर्ष 1996 में मुलायम सिंह यादव इटावा के मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने और उन्हें केंद्रीय रक्षामंत्री निर्वाचित किया था. 1998 में मुलायम की सरकार गिर गई. हालांकि, 1999 में उन्होंने संभल निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की और वे फिर से लोकसभा पहुंचे.

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