स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थन में संन्यासियों का मौन व्रत, प्रशासन से की शिवलिंंग पूजने की अपील
मौन धरने के पश्चात वार्ता करते हुए अखिल भारतीय दण्डी सवासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्वरानन्द तीर्थ ने बताया कि आदि विशेश्वर शिवलिंग प्रकट हो चुके हैं और चूंकि न्यायालय की दृष्टि में भगवान 3 वर्ष के माने जाते हैं.
Varanasi News: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद श्री विद्यामठ में शनिवार से अन्न-जल त्याग करके अनशन पर हैं. उनकी कोर्ट व प्रशासन से अपील है कि उन्हें ज्ञानवापी में प्राकट्य शिवलिंग के पूजन-अर्चन का अधिकार दिया जाए. मगर प्रशासन ने कोर्ट का हवाला देते हुए उन्हें इस कार्य से रोक दिया है.
‘योग्य पुजारी को भेजकर पूजन भोग कराए’
प्रशासन के इस रवैये को गलत ठहराते हुए अस्सी स्थित मुमुक्ष भवन में दण्डी संन्यासीगण एवं गंगा सेवा अभियानम् के लोगों ने ज्ञानवापी में प्राकट्य आदि विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा, भोग, आरती की मांग एवं इनके निमित श्री विद्यामठ में अन्न-जल त्याग तपस्या कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के समर्थन में एक दिवसीय मौन धरना दिया. मौन धरने के पश्चात वार्ता करते हुए अखिल भारतीय दण्डी सवासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्वरानन्द तीर्थ ने बताया कि आदि विशेश्वर शिवलिंग प्रकट हो चुके हैं और चूंकि न्यायालय की दृष्टि में भगवान 3 वर्ष के माने जाते हैं. अतः उन्हें पूजा, भोग एवं आरती से वंचित रखना करोड़ों सनातनियों के साथ स्वयं भगवान शिव के साथ अन्याय है. अतः प्रशासन तत्काल शंकराचार्य के शिष्य प्रतिनिधी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को अथवा योग्य पुजारी को भेजकर पूजन भोग आरती सम्पन्न कराए.
‘प्रशासन समझे जनभावना को’
उन्होंने कहा कि मानदण्डी संन्यासीगण स्वामी अविमुक्तश्वरानन्द जी के अन्न-जल त्याग तपस्या का समर्थन करते हैं. सरकार एवं प्रशासन जनभावना को समझते हुए तत्काल भोग आरती शुरू कराये और स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती की तपस्या को समाप्त करा कर उनके प्राणों की रक्षा करें. मौन धरना में स्वामी ईश्वरानन्द तीर्थ, राकेशचन्द्र पाण्डेय गंगासेवी गणेश जायसवाल, विनोद, राजेशचंद्र शर्मा, च्यामा प्रवृद्धाश्रम स्वामी केशरानन्द तीर्थ स्वामी जयराम आश्रम, स्वामी रामदेव आश्रम, स्वामी नारायण आश्रम स्यामी गद्वानन्द, तीर्थ स्वामी रमेशानन्द, तीर्थ नारायण आश्रम सहित अनेक उपरान्त दण्डी संन्यासीगण शामिल रहे.
रिपोर्ट : विपिन सिंह