Varanasi News: शिव की नगरी काशी में सावन (Sawan 2022) की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, क्योंकि 14 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है, और 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा. इस पावन अवसर पर बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए कांवडियों और शिवभक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. काशी के शिवालयों में सावन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए कमिश्नर ने भी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा कि भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी हुई तो अधिकारियों का नपना तय है. और हो भी क्यों न आखिरकार देश और दुनिया से बाबा के भक्त भारी संख्या में काशी आने वाले हैं. विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद ये पहला सावन उत्सव होगा. इस बार सबसे खास बात यह है कि काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालु सावन माह में पहली बार गंगा घाट से प्रवेश कर बाबा को जल चढ़ाने जाएंगे. इसे ध्यान में रखते हुए कई इंतजाम किए जा रहे है. पहली बार श्रद्धालु गंगा जल लेकर बाबा का जलाभिषेक करेंगे.
किसी भी घाट से नाव के माध्यम से भक्त काशी विश्वनाथ धाम घाट तक पहुंच सकेंगे. इसके अलावा पूर्व की व्यवस्था भी लागू रहेगी. गोदौलिया, मैदागिन और दशाश्वमेध के साथ गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है, जो जिस मार्ग से प्रवेश करेगा, दर्शन के बाद वह उसी मार्ग से निकल जाएगा. अधिकारियों की बैठक भी लगातार हो रही है. इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है.
कुछ ऐसा ही उत्साह सावन को लेकर वाराणसी के पुलिस-प्रशासनिक अमले और विश्वनाथ मंदिर प्रशासन में भी हैं. इसके मद्देनजर तैयारियां भी जोर-शोर से की जा रही हैं. मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा विश्वनाथ के धाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आएंगे. वहीं, सावन के अन्य दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या ढाई से तीन लाख रहने की संभावना जताई गई है. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसार, जून महीने में रोजाना औसतन एक लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन किए. इसमें भी शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख तक रही.
जुलाई के शुरुआती दिनों में रोजाना दर्शन करने वालों की संख्या लगभग सवा लाख हो गई है. इस हिसाब से अगर देखा जाए तो सावन में प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या 6 लाख के पार होने की संभावना है. वाराणसी से प्रयागराज नेशनल हाईवे की एक लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी. उस लेन में आमजन के चारपहिया वाहन, सवारी वाहन और मालवाहक नहीं चलेंगे. चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर और जौनपुर जिले के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से वाराणसी के अफसर नियमित संपर्क में रहेंगे.
पुलिस शहर से लेकर नेशनल हाईवे तक कांवड़िया रूट पर पेट्रोलिंग करती रहेगी. डायल 112 के पुलिस रिस्पांस व्हीकल विशेष रूप से कांवड़िया रूट पर अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे. महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर विश्वनाथ धाम आने वाले सभी रूटों और गंगा घाटों पर महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी. गंगा में जल पुलिस और एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के अलावा पीएसी बाढ़ राहत दल के जवान भी तैनात रहेंगे.
विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए टेंट, मैटिंग, कूलर-पंखे और आरओ वॉटर की सुविधा के साथ सामान रखने की लिए भी लॉकर उपलब्ध कराया जाएगा. गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध और गंगा घाट से आने वाले श्रद्धालु जिस मार्ग से धाम में प्रवेश करेंगे, दर्शन करने के बाद वह उसी रास्ते से जाएंगे.
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गोदौलिया, दशाश्वमेध, मैदागिन और गंगा घाटों के इर्दगिर्द जगह-जगह पीए सिस्टम लगा कर सुविधा और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे. दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया, चौक होते हुए मैदागिन तक मेडिकल सहायता शिविर लगाए जाएंगे. गोदौलिया से मैदागिन के बीच नो व्हीकल जोन रहेगा. इसके साथ ही प्रत्येक सोमवार के मद्देनजर शहर में रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की जाएगी.
रिपोर्ट- विपिन सिंह