Varanasi News: आज यानी 1 अगस्त को सावन के सोमवार का तीसरा दिन है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना माना जाता है, उससे भी अधिक प्रिय होता है, सावन में पड़ने वाला प्रत्येक सोमवार. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा और जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धर्म नगरी काशी में सालभर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सावन में सोमवार के दिन यहां की रौनक देखने लायक होती है.
सावन के तीसरे सोमवार पर धर्म नगरी काशी केशरिया रंग रंगी दिख रही है. मानों जैसे आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा हो. यहां रात से ही लाखों की संख्या में कांवड़ियां बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए कतार में लग गए हैं. बस यही कामना लिए की सावन के तीसरे सोमवार को बाबा को जल चढ़ाना हैं. वाराणसी में सावन के तीसरे सोमवार पर गंगा घाट से लेकर सडकों तक कावड़ियों की भीड़ नजर आ रही हैं.
केसरियां रंग में रंगे कांवड़िया गंगा में स्नान कर बाबा को जल चढ़ाने के लिए कतार में लग जा रहे हैं. आस्था इतनी की घंटों कतार में लगने के बाद भी बोल बम के नारे के साथ आगे बड़े जा रहे हैं, मान्यता भी है कि काशी में सावन के सोमवार को जल चढ़ाने से हर पाप से मुक्ति मिलती हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम भगवान विश्वेश्वर की नगरी काशी शिव भक्तों के हर हर महादेव के नारों से गूंज रही है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है और महादेव को यह महीना अत्यंत प्रिय होता है. सावन के महीने में लोग भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करते हैं. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का भी खास महत्व होता है. इसी क्रम में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी काशी विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ द्वारा बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया गया।
विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ अध्यक्ष रमेश तिवारी ने बताया कि बाबा विश्वनाथ के दरबार में सावन के तीसरे सोमवार के उपलक्ष्य में विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ की तरफ़ से जलाभिषेक किया गया. चितरंजन पार्क से हजारों की संख्या में महिला और पुरूष ने जलाभिषेक किया. यह प्रत्येक वर्ष की भांति होता है. इसके बाद माता अन्नपूर्णा का दर्शन करते हुए साक्षी विनायक पर समापन होता है.
इस पूजा का उद्देश्य विश्व की शांति- उन्नति है. काशी विश्वनाथ गली के व्यवसायियों का कहना है कि माता गंगा के अलावा 12 अन्य नदियों का जल और 3 सागरों का पानी, नागकेसर डालकर जलाभिषेक कर हमलोग बाबा से प्रार्थना करते हैं कि उनकी कृपा से हमारा कारोबार व रोजगार इसी तरह बढ़ता रहे.
रिपोर्ट- विपिन सिंह