UP School Reopen Guidelines : उत्तर प्रदेश में कक्षा एक के क्लास भी शुरू होने वाले हैं. कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को खोलने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. सभी निजी प्राथमिक स्कूलों के साथ परिषदीय और उच्च प्राथमिक स्कूल भी सूबे में खुलने जा रहे हैं. इन स्कूलों में अभी हफ्ते में दो-दो दिन ही कक्षाएं लगतीं नजर आएंगी. एक दिन में सिर्फ 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही क्लास में पहुंचेंगे. इसका मतलब है कि एक विद्यार्थी को अभी हफ्ते में एक दिन ही स्कूल बुलाया जाएगा.
यहां चर्चा कर दें कि उत्तर प्रदेश में कक्षा छह से कक्षा आठ तक के स्कूल 10 फरवरी से और कक्षा एक से कक्षा पांच तक के स्कूल एक मार्च से खोलने की तैयारी चल रही है. आइए नजर डालते हैं गाइडलाइंस पर…
-सभी परिषदीय व निजी स्कूलों को अभिभावकों से लिखित सहमति पत्र भी लेना जरूरी होगा. इस पत्र में अभिभावक को विद्यार्थियों के स्वास्थ्य संबंधित स्थिति के साथ-साथ उनके द्वारा की गई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय यात्रा की भी पूरी जानकारी देनी होगी.
-यदि विद्यार्थी घर से ही पढ़ाई करने की इच्छा रखता है तो उसे विकल्प उपलब्ध कराना होगा. इन विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प देना जरूरी होगा.
-परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाले रसोईये को कोराना प्रोटोकाल का पालन करना होगा. यही नहीं बर्तन व खाद्य सामग्री को अच्छे से साफ करना जरूरी होगा. विद्यार्थियों को पंक्ति में दूर-दूर बैठाकर मिड डे मील परोसा जाएगा.
-स्कूलों को नियमति सैनिटाइजेशन कराना जरूरी होगा. सामान्यत: छूए जाने वाली सतहें जैसे दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच व डेस्क आदि का सैनिटाइजेशन समय-समय पर किया जाएगा.
-साफ शौचालय व स्वच्छ पेयजल का इंतजाम करना जरूरी होगा. अलग-अलग गेट से विद्यार्थियों का एंट्री दिया जाएगा. छुट्टी के बाद इन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा.
-हर विद्यार्थी , शिक्षक व स्टॉफ को मास्क पहनकर स्कूल आना जरूरी होगा. स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग करनी होगी और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी जरूरी होगी.
-सहमति पत्र का प्रारूप भी जारी करने का काम किया गया है जिसमें स्पष्ट लिखा है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्कूल हर संभव प्रयास करेगा, लेकिन गारंटी नहीं दी जा सकती कि कोरोना नहीं फैलेगा. विद्यार्थी को स्कूल भेजना पूरी तरह अभिभावक पर निर्भर होगा.
-यदि विद्यार्थी के शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है, उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है और खांसी व जुकाम के लक्षण हैं तो उसे स्कूल नहीं भेजने को कहा गया है.
-स्कूलों को अभी किसी भी ऐसे आयोजन से बचने की सलाह गाइडलाइंस में दी गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि आयोजन करने के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना मुश्किल होता है.
-विद्यार्थी एक दूसरे से कोई भी सामान क्लास में नहीं दे पाएंगे. गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि किताब, पेन, पेंसिल, नोटबुक और भोजन इत्यादि भी विद्यार्थी एक दूसरे को नहीं दे पाएंगे.
-बाहरी वेंडर स्कूल के अंदर खाद्य सामग्री नहीं बेचते नजर आयेंगे. स्कूल की बसों व वैन का प्रतिदिन दो बार सैनिटाइजेशन करने का काम किया जाएगा. स्कूल कैंपस में थूकने पर प्रतिबंध होगा.
Posted By : Amitabh Kumar