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अलीगढ़ में सप्ताह भर में तिरंगे के अपमान को लेकर आया दूसरा मामला, फहर रहा फटा हुआ तिरंगा

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सर्कल से कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाली ठंडी सड़क पर दोनों तरफ पेड़ हैं. पेड़ पर ही आजादी का अमृत महोत्सव में तिरंगे लगाए गए थे. एएमयू सर्कल से थोड़ी दूरी पर कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाली सड़क पर किनारे लगे एक पेड़ पर आधे से अधिक फटा तिरंगा फहर रहा है.

Aligarh News: अलीगढ़ में तिरंगे के अपमान को लेकर सप्ताह भर के अंदर दूसरा मामला सामने आया है. एएमयू सर्कल से थोड़ी दूरी पर और कलेक्ट्रेट से आने वाली ठंडी सड़क पर फिर से फटा हुआ तिरंगा फहरते दिखा है. प्रभात खबर ने 6 सितंबर को इसी सड़क पर फटा हुआ तिरंगा फहरने की खबर प्रकाशित की थी.

अलीगढ़ में दिखा फटा हुआ तिरंगा फहरते हुए

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सर्कल से कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाली ठंडी सड़क पर दोनों तरफ पेड़ हैं. पेड़ पर ही आजादी का अमृत महोत्सव में तिरंगे लगाए गए थे. एएमयू सर्कल से थोड़ी दूरी पर कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाली सड़क पर किनारे लगे एक पेड़ पर आधे से अधिक फटा तिरंगा फहर रहा है. वहां से आते जाते लोगों की निगाह जैसे ही पेड़ पर लगे फटे हुए तिरंगे पर पड़ती है, तो वह तिरंगे की इस स्थित पर दुख व्यक्त करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

ठंडी सड़क के पेड़ पर एक तिरंगा लहराता मिला

प्रभात खबर ने 6 सितंबर को पेड़ पर आधे फटे हुए तिरंगे को फहराने की खबर प्रकाशित की थी. कलेक्ट्रेट से 100 कदम की दूरी पर इसी ठंडी सड़क के पेड़ पर एक तिरंगा लगा हुआ था, जो आधा फटा हुआ लहर रहा था. मामले को अलीगढ़ के सहायक सूचना निदेशक संदीप कुमार डीएम इंद्र विक्रम सिंह के संज्ञान में लाए. डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने नगर निगम को तुरंत फटे हुए तिरंगे को हटाने के निर्देश दिए थे और तिरंगा सम्मान पेड़ पर से हटा दिया गया था.

फिर हुई पुनरावृत्ति…

विगत 6 सितंबर को फटा हुआ तिरंगा तो हटा लिया गया था, परंतु अन्य पेड़ों पर लगे हुए तिरंगों की ओर ध्यान नहीं दिया गया. सप्ताह भर के अंदर पूर्ण आवृत्ति हुई और एक तिरंगा फटी हुई हालत में पाया गया. अलीगढ़ में अभी भी कई तिरंगे बहुत खराब हालत में है. अलीगढ़ के अलावा प्रदेश में भी कई जिलों में लगे हुए तिरंगे कहीं न कहीं डैमेज होते जा रहे हैं, परंतु उन्हें उतारने के लिए कोई सक्रिय कदम दिखता नजर नहीं आ रहा है.

क्या है सजा का प्रावधान…

राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1987, 2003 में संशोधित के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय झंडे तथा भारतीय संविधान का अपमान कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या भारत के संविधान या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या अन्यथा उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दों में, या कृत्यों द्वारा) अपमान करता है तो उसे 3 वर्ष तक के कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा.

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रिपोर्ट : चमन शर्मा

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