अटलजी के बगल से अपनी तस्वीर गायब देख भड़कीं सांसद रीता बहुगुणा जोशी, बोलीं-मरे लोगों की फोटो एक किनारे लगाओ
सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, ‘इसे म्यूजियम बना दिया है. मरों को एक तरफ और जिंदों को एक तरफ लगाओ.’ दरअसल, प्रायागराज नगर निगम की सदन में देश के महान विभूतियों की तस्वीर लगाई गई हैं.
Prayagraj News : नगर निगम के पार्षद सदस्यों को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) में सदस्यता दिलाने को लेकर मंगलवार को चुनाव सम्पन्न किया गया था. उस दौरान मतदान करने पहुंचीं प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी नगर निगम के एक कर्मी पर भड़क गईं. वह निगम के सदन से अपनी तस्वीर को गायब देख नाराज हो गई थीं. इस बीच उन्होंने कहा, ‘इसे म्यूजियम बना दिया है. सारे माला वाले हैं. एक भी जिंदा नहीं है. माला वालों को एक तरफ लगाओ और जिंदा वालों को एक तरफ.’
इसके आगे सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा था, ‘वरीयता के क्रम में तस्वीरों को लगवाइए. सबसे पहले रीता जोशी. फिर श्रीवास्तव जी. उसके बाद जितेंद्र आखिर में इनकी (महापौर-अभिलाषा गुप्ता नंदी).’ इस बीच निगम कर्मी ने उन्हें बताया कि उनकी तस्वीर बनने गई है. सदन का रिनोवेशन भी होना है. इसीलिए वह तस्वीर हटाई गई है.
इनकी लगी है तस्वीर : प्रयागराज नगर निगम की सदन में देश की महान विभूतियों की तस्वीरें लगी हुई हैं. सांसद रीता बहुगुणा जोशी की भी तस्वीर सदन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के बगल में लगी थी. वह 1995 से लेकर सन 2000 तक इलाहाबाद नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं. इसीलिए सदन में अपनी तस्वीर न देख वह भड़क गईं. उन्होंने निगम कर्मी से नाराज़ अंदाज में कहा था कि इसे म्यूजियम बना दिया है. प्लीज मारे हुए लोगों की तस्वीर एक तरफ़ लगाओ और जिंदा लोगों की एक तरफ़.
गौरतलब है कि प्रयागराज संसदीय सीट से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. इनकी माता का नाम कमला बहुगुणा है. वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी के बाद प्रोफेसर के पद पर भी रही हैं. उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं. 20 अक्टूबर, 2016 को रीता बहुगुणा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. उससे पूर्व वह यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. वह 24 साल तक कांग्रेस में रहीथीं. रीता ने विधानसभा चुनावों में मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को हराया था. उनकी ब्राह्मण वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से वह दक्षिण एशिया की सबसे प्रतिष्ठित महिलाओं में शुमार की जा चुकी हैं.
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