Lucknow: प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और उत्पाद की ब्रांडिंग के साथ सही बाजार उपलब्ध हो, इसके लिए योगी सरकार राजधानी लखनऊ में एग्री मॉल की स्थापना करेगी. यह एग्री मॉल सात मंजिला होगा. इसे गोमतीनगर के विकल्प खंड में उपलब्ध लगभग 8000 वर्गमीटर भूमि पर बनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं. एग्री मॉल से किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे. वहीं उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता के फल, सब्जियां और खाद्यान्न यहां उपलब्ध होंगे. एग्री मॉल में किसानों के विश्राम के लिए आवश्यक सुविधाएं होंगी. साथ ही मॉल में किसानों व खरीदारों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी उचित इंतजाम किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में बाजार की अहम भूमिका है. इस मॉल से किसानों को बाजार मिलेगा. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक एग्री मॉल किसानों के लिए वरदान होगा. यहां प्राकृतिक खेती के उत्पाद बेचे जा सकेंगे. किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम मिलेगा. दुकानें बनने से लोगों को रोजगार मिलेगा. क्षेत्र में एक सशक्त बाजार भी उपलब्ध हो सकेगा.
सीएम योगी ने राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 166वीं बैठक में कहा कि मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है. चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 972 करोड़ से अधिक की आय मंडी परिषद को हुई है, जो पिछले वित्तीय वर्षों के सापेक्ष ज्यादा है. इस वित्तीय वर्ष 1500 करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए.
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सीएम योगी ने एक बैठक में कहा कि कृषि में टिशू कल्चर तकनीक के प्रयोग के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं. इसे प्रोत्साहित करने और अयोध्या में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना का प्रस्ताव भेजें. कृषि उपजों की ई-नीलामी या डिजिटल प्लेटफॉर्म सर्विस प्रोवाइडर के लिए लाइसेंस बनवाने के लिए मंडी नियमावली में संशोधन किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित कराए जाएं. इसके अलावा इलाज कराने पर मंडी परिषद एवं मंडी समितियों के अधिकारियों, कर्मचारियों को नियमानुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति दी जाए.