Lucknow: 5-29 वर्ष की आयु के बच्चों और युवा वयस्कों के लिए सड़क यातायात की चोटें मौत का प्रमुख कारण हैं. सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर वर्ष लगभग 13 लाख लोगों की मृत्यु होती है. सभी सड़क यातायात हादसों के शिकार में से आधे से अधिक पैदल चलने वाले, साइकिल चालक और मोटर साइकिल चालक हैं. संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा जागरूकता वॉकथॉन में यह जानकारी ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख व एचओडी न्यूरो सर्जरी प्रो. राजकुमार ने दी.
प्रो. राजकुमार ने कहा कि सड़क यातायात की चोटें न केवल दुर्घटना पीड़ितों को कष्ट पहुंचाती हैं बल्कि व्यक्तियों, उनके परिवारों और समग्र रूप से राष्ट्रों को भी काफी आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं. घायल होने पर उपचार में होने वाले खर्च के साथ-साथ मृत्यु अथवा विकलांगता के कारण कार्य शक्ति प्रभावित होती है. यह स्थिति परिवार के अन्य सदस्यों के लिए कठिन होती है. जिन्हें घायल व्यक्ति की देखभाल के लिए काम या स्कूल से समय निकालने की आवश्यकता होती है.
इससे पहले मुख्य अतिथि प्रो. एके महापात्रा और प्रोफेसर राज कुमार एपेक्स ट्रॉमा सेंटर से सुबह 7 बजे झंडी दिखाकर रवाना किया. वॉकथॉन के दौरान पोस्टर, बैनर और भाषण के माध्यम से पैदल चलने वालों, स्थानीय निवासियों और आम जनता को सड़क यातायात सुरक्षा का संदेश दिया गया. वॉकथॉन 8 बजे समाप्त हुई. जिसमें सभी ने सुरक्षित रूप से ड्राइव (वाहन चलाने) करने का संकल्प लिया.
जागरूकता अभियान की शुरुआत सड़क यातायात सुरक्षा विषय पर नारा लेखन व पोस्टर पेंटिंग से की गई. प्रतियोगिता में संस्थान के कॉलेज ऑफ नर्सिंग और कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी के छात्रों ने प्रतिभाग किया. स्लोगन राइटिंग और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रो. राजकुमार और प्रो.एके महापात्रा ने मेडल से सम्मानित किया.
प्रो. राजकुमार ने बताया कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (एटीसी) यूपी का एकमात्र टियर-1 ट्रॉमा सेंटर है. इस ट्रॉमा सेंटर के संकाय सदस्यों और कर्मचारियों का प्रयास न केवल घायल रोगी की देखभाल करना है, बल्कि सड़क यातायात सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करना और फैलाना भी है. प्रो. राज कुमार ने भारत में बढ़ती सड़क यातायात दुर्घटनाओं के आंकड़ों, हेलमेट पहनने को लेकर देश में लोगों की मानसिकता और विभिन्न सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) पर चर्चा की गयी.