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Ayodhya: नेपाल से आ रही शालिग्राम शिलाएं पहुंची कुशीनगर, भव्य स्वागत, गोरखपुर से कल अयोध्या के लिए होंगी रवाना

यूपी बिहार बॉर्डर पर स्थित कुशीनगर जनपद में इनके प्रवेश करने पर भव्य स्वागत हुआ. विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ​शालिग्राम शिलाओं के साथ आए संतों का स्वागत किया गया. ये शिलाएं जनकपुर से अयोध्या जा रही हैं, जहां इनसे भगवान रामलला और माता सीता का भव्य विग्रह तैयार किया जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 31, 2023 9:08 PM

Kushinagar: नेपाल से छह करोड़ वर्ष पुरानी शालिग्राम शिला मंगलवार रात कुशीनगर जनपद पहुंची. जहां इनका भव्य स्वागत किया गया. दो बड़े ट्रकों से लाई जा रही शालिग्राम शिलााओं के दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी.

यूपी बिहार बॉर्डर पर स्थित कुशीनगर जनपद में इनके प्रवेश करने पर भव्य स्वागत हुआ. विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ​शालिग्राम शिलाओं के साथ आए संतों का स्वागत किया गया. इस मौके पर 11 आचार्यों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ शिला का पूजन किया और पुष्प वर्षा की गई. इस दौरान शंखनाद से पूरा माहौल राममय हो गया. प्रशासन की ओर से शिला पूजन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई थी. जिलाधिकारी रमेश रंजन और पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने टोल प्लाजा सलेमगढ़ पहुंचकर शिलाओं के स्वागत की तैयारियों का जायजा लिया.

ये शिलाएं जनकपुर से अयोध्या जा रही हैं, जहां इनसे भगवान रामलला और माता सीता का भव्य विग्रह तैयार किया जाएगा. आज रात गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में विश्राम के बाद अयोध्या के लिए बुधवार को इनकी रवानगी होगी.

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के मुख्य गर्भगृह में नेपाल की पवित्र नदी कालीगण्डकी से आई शिलाओं से भगवान राम की बाल रूप मूर्ति का निर्माण किया जाएगा. शालिग्राम मिलने वाली एक मात्र नदी कालीगण्डकी है. यह नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है.

कालीगण्डकी नदी के किनारे से लिया गया यह शिलाखंड एक 26 टन का और दूसरा 15 टन का है. निकालने से पहले नदी में क्षमा पूजा की गई और विशेष पूजा के साथ ले जाया गया. इस तरह राम मंदिर के गर्भगृह में नेपाल द्वारा भेजी गई शिलाओं से भगवान श्रीराम के बाल रूप की प्रतिमा का निर्माण कराया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नेपाल में जानकी मंदिर के महंत से कालीगण्डकी की शिला उपलब्ध कराने के कार्य में समन्वय का अनुरोध किया था.

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विगत 15 दिसंबर को नेपाली कैबिनेट की बैठक में कालीगण्डकी नदी की शिला भेजने का फैसला किया गया. इसके बाद नेपाल और भारत के विशेषज्ञों की एक टीम को कालीगण्डकी में दो चट्टानें मिलीं. 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति को इनका पूजन किया गया. मुक्तिनाथ उद्गम स्थल से निकली कालीगण्डकी नदी की शिला अपने आप में पवित्र है.

राम मंदिर का निर्माण मार्च 2020 से चल रहा है. राम मंदिर 70 एकड़ जमीन पर बन रहा है, जिसकी लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट में कहा गया है कि मंदिर में पांच मंडप और बीच में एक गर्भगृह होगा. गर्भगृह भूतल पर होगा, जबकि प्रथम तल पर राम दरबार का निर्माण किया जा रहा है. देवशिला का रात्रि विश्राम गोरखनाथ मंदिर में होने के बाद बुधवार 1 फरवरी की सुबह विधि विधान से रथ अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगा.

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