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Shani Amavasya 2023: शनि अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ेगा पछताना, इन उपायों से बरसेगी कृपा…

जो लोग शनि की महादशा से पीड़ित हैं या फिर जिनकी कुंडली में शनि शुभ फल नहीं दे रहा है, ऐसे जातक शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ उपाय अवश्य करें. ऐसे करने से उनके अटके हुए काम पूरे होंगे. कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी. शनिदेव की कृपा हासिल करने का ये बेहद खास मौका है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2023 6:40 AM
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Shanishchari Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बेहद महत्व होता है. शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनि या शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं. संयोग से इस साल मौनी अमावस्या और शनिश्चरी अमावस्या एक ही दिन है. यह साल 2023 की पहली शनिश्चरी अमावस्या है. पंचांग के मुताबिक, 21 जनवरी को माघ माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. इस बार शनिश्‍चरी अमावस्‍या पर खप्‍पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्‍टक योग और समसप्‍तक योग रहने से यह बहुत खास है.

शनिदेव की कृपा से ऐसे बनेंगे बिगड़े काम

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक अगर किसी जातक पर शनि की महादशा है या फिर वे शनि पीड़ा झेल रहे हैं तो ऐसे लोग शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2023) पर कुछ उपायों के जरिए राहत पा सकते हैं. मान्यता है कि इन उपायों को करने से शनिदेव की कृपा हासिल होती है और सारे संकट भी दूर हो जाते हैं.

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक माघ महीने की शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2023) बेहद खास है. धर्म शास्त्रों के मुताबिक इसका बेहद महत्व है. इस दिन स्नान दान का कई गुना ज्यादा पुण्य मिलता है. यदि शनि देव की बुरी नजर से आपके सारे काम बिगड़ रहें हों तो शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ अचूक उपाय जरूर करें. इससे शनि की कृपा बरसेगी और हर काम पूरा होगा.

पितरों की प्रसन्नता के लिए करें ये उपाय

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक इस दिन सुबह उठकर स्नान दान करने से धन में वृद्धि होती है और आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है. शनिश्चरी अमावस्या पर ​पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए. ऐसा करने से पितृदेव प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. अगर आप पितृदोष से पीड़ित हैं, तो ऐसे में इस दिन चावल की खीर बनाकर उपलों के हवन पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाएं. इससे आपको अवश्य लाभ मिलेगा. इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाना चाहिए. इससे दरिद्रता का नाश हो जाता है.

शनिचरी अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त

माघ कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि (Shani Amavasya 2023 Date) आरंभ- शनिवार 21 जनवरी, सुबह 06:17 से

माघ कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि समाप्त- रविवार 22 जनवरी, तड़के सुब 02:22 तक

उदयातिथि के अनुसार शनिवार 21 जनवरी को अमावस्या मान्य होगी और इसी दिन स्नान, दान, तर्पण और पूजा-पाठ जैसे कार्य किए जाएंगे.

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शनिश्चरी अमावस्या पर इन उपायों से बदलेगी किस्मत

  • किसी के प्रति गलत भावना नहीं रखें. शनि देव न्याय के देवता हैं, इसलिए सच्चे मन से उनकी आराधना करें.

  • जो कर्म पाप की श्रेणी में आते हैं और जिनसे शनिदेव की कुदृष्टि का शिकार होना पड़ सकता है, ऐसे कार्य भूलकर भी नहीं करें. वरना आपको पछताना पड़ सकता है.

  • हनुमान जी की आराधना करने वाले को शनि कृपा हासिल होती है.

  • शनि पूजा के समय 5, 7, 11 या 21 बार शनि मंत्र का जाप अवश्य करें और शनि चालीसा का पाठ करें. अंत में शनि देव की आरती करें.

  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ नीचे सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं. इससे शनिदेव की कृपा हासिल होती है.

  • इस दिन सरसों के तेल में तली हुई पूड़ी और अन्य चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है.

  • शनि देव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

  • शनि देव पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम, काजल लगाकर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें.

  • शनि मंदिर में जाकर दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें.

  • शनि देव की प्रिय वस्‍तुओं का दान करें. इनमें काले कंबल, काले जूते, काले तिल, काली उड़द का दान करना सबसे उत्‍तम माना गया है.

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