सुभासपा में दो फाड़, पार्टी के पुराने नेता ने राष्ट्रीय प्रमुख ओपी राजभर पर लगाया सपा को हराने का आरोप
ओपी राजभर की पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने पार्टी को छोड़ दूसरे दल का निर्माण करने का ऐलान किया है. उनका आरोप है कि पार्टी के प्रेसीडेंट ओमप्रकाश राजभर परिवारवाद को बढ़ावा देते रहते हैं. वे देश के सबसे बड़े झूठेक नेता हैं. यानी सुभासपा के अब दो फाड़ होने की तैयारी हो चुकी है.
UP Political News: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय प्रमुख ओमप्रकाश राजभर की मुसीबतें बढ़ रही हैं. उनकी ही पार्टी में बागवत का शोर सुनाई दिया है. ओपी राजभर की पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने पार्टी को छोड़कर दूसरे दल का निर्माण करने का ऐलान किया है. उनका आरोप है कि पार्टी के प्रेसीडेंट ओमप्रकाश राजभर परिवारवाद को बढ़ावा देते रहते हैं. वे देश के सबसे बड़े झूठेक नेता हैं. यानी सुभासपा के अब दो फाड़ होने की तैयारी हो चुकी है. ऐसे में जब उनके सबसे बड़े सहयोगी दल सपा से खटपट की सूचना आ रही हो तो यह खबर सुभासपा के लिए मुसीबत का सबब बनने वाली हैं.
‘राजभर की बयानबाजी से सपा हारी’ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता शशी प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से अलग होने के बाद एक नई पार्टी के गठन का ऐलान किया है. सुभासपा से अलग होकर राष्ट्रीय समता पार्टी का गठन कर के शशी प्रताप सिंह ने ओपी राजभर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मीडिया के सामने शशी प्रताप सिंह ने कहा कि सपा से गठबंधन के बाद सुभासपा पार्टी की विचारधारा में बदलाव आ गया है. यही नहीं ओपी राजभर की बयानबाजी की वजह से सपा 2022 का चुनाव हार गई.
सुभासपा दल में शशिप्रताप सिंह का एक अहम रोल रहा है. आज उन्होंने अपनी नई पार्टी का ऐलान करते हुए कहा कि हमारी राष्ट्रीय समता पार्टी के कई प्रमुख मुद्दे हैं जो हम जनता के बीच रखेंगे. हमारी पार्टी में किसी परिवार वाद का जन्म नहीं होगा. चुनाव आयोग से कानून बनवाकर परिवारवाद को राजनीति से खत्म करेंगे. सुभासपा दल में लोग सिर्फ 2 लोगों को जानते थे ओम प्रकाश राजभर और शशि प्रताप सिंह. उन्होंने कहा, ‘मेरे हटने के बाद सुभासपा क्या ही रह गया? तीन पूर्व विधायक व वर्तमान विधायक आज ही एक साथ हमारे दल में आने को तैयार थे. मगर हमने कहा कि एक दिन में ही पूरी पिक्चर नहीं दिखाएंगे. सुभासपा में कई ऐसे लोग थे जो सालों से मेहनत कर रहे थे कि एक दिन पार्टी उन्हें मौका देगी. मगर जब मौका देने का वक्त आया तो ओपी राजभर ने अपने पुत्र को चुनाव लड़ाकर परिवारवाद का परिचय दे दिया.’
‘मुद्दों से जनता को भटकाते हैं’उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि पुत्र मोह में धृतराष्ट्र हो चुके ओपी राजभर इतने अंधे हो गए हैं कि कहने लगे कि आजमगढ़ में हमने बीजेपी का खाता खुलने नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं क्यों न महादेव पर अपनी बात रखूं. जो राष्ट्र हित की बात करेगा उसके लिए मैं गर्दन कटा दूंगा और जो राष्ट्र के अहित के लिए सोचेगा उसकी गर्दन भी काट दूंगा ऐसी पार्टी का गठन किया है मैंने. ओपी राजभर हमेशा अपने मुद्दों से जनता को भटकाने का काम करते हैं. ओपी राजभर हमेशा परिवारवाद की राजनीति करते हैं. उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण पैसा है. वह पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं. 17 जुलाई को एक और बड़ा खुलासा हमारी पार्टी करेगी.
रिपोर्ट : विपिन सिंह