Mainpuri By Election Result: शिवपाल ने लिखी डिंपल की जीत की पटकथा, साथ नहीं आने पर सपा को होता नुकसान…
अखिलेश यादव ने उपचुनाव से पहले जिस तरह चाचा शिवपाल यादव के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया, वह मास्टर स्ट्रोक था. अगर अखिलेश शिवपाल यादव को मनाने में सफल नहीं हो पाते तो भाजपा को इसका फायदा मिल सकता था.
Lucknow: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने खुलकर सपा के पक्ष में वोट दिया. डिंपल की धमाकेदार जीत की पटकथा लिखने में शिवपाल यादव ने सबसे अहम भूमिका निभायी. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद जिस तरह सैफई कुनबा एक हुआ और गिले शिकवे दूर कर उपचुनाव में एक साथ खड़े होने और दिखायी देने का फैसला किया गया, उसका डिंपल यादव को सबसे बड़ा लाभ मिला.
परिवार के एकजुट होने का मिला फायदा
परिवार के एकजुट होने के बाद मतदाताओं के बीच स्पष्ट संदेश गया कि अब किसी तरह का कोई मतभेद और मनभेद नहीं है. सपा और प्रसपा कार्यकता डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिए जुट जाएं. शिवपाल यादव ने डिंपल यादव के लिए न सिर्फ वोट मांगे बल्कि रघुराज शाक्य पर जमकर हमला बोला. रघुराज को शिवपाल यादव का शिष्य कहा जाता है.
इस तरह रहा डिंपल यादव का प्रदर्शन
शिवपाल यादव की अपील का जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में बड़ा असर हुआ और लोगों ने डिंपल यादव को भारी वोट दिए.जसवंतनगर में वोटों की गिनती खत्म होने के बाद डिंपल यादव ने 1,64,659 मत हासिल किए, जबकि भाजपा उम्मीदवार रघुराज शाक्य को मात्र 58,211 वोट मिले. अंतिम चरण के बाद डिंपल यादव ने 1,06,448 मतों से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी को हराया.
अखिलेश का मास्टर स्ट्रोक आया काम
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अखिलेश यादव ने उपचुनाव से पहले जिस तरह चाचा शिवपाल यादव का आशीर्वाद लिया,वह मास्टर स्ट्रोक था. अगर अखिलेश शिवपाल यादव को मनाने में सफल नहीं हो पाते तो भाजपा को इसका फायदा मिल सकता था.
शिवपाल यादव की इस अपील का भी हुआ असर
खास बात है कि शिवपाल यादव ने अपील की थी कि मतदाता डिंपल यादव को उनसे भी ज्यादा मतों से जिताएं और ऐसा हुआ भी. शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदार विवेक शाक्य को 90,979 वोटों के अंतर से करारी शिकस्त दी थी. जबकि इस बार डिंपल यादव ने जसवंतनगर नगर में एक लाख से ज्यादा मतों से रघुराज शाक्य को हराया. 2017 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने सपा प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के मनीष यादव को 52,616 वोटों से हराया था. इसकी भी उपचुनाव से तुलना की जाए तो डिंपल कहीं आगे रही हैं.
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जसवंतनगर इसलिए सपा के लिए है खास
जसवंतनगर में 1980 के बाद से मुलायम कभी नहीं हारे. 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल, 1991 में जनता पार्टी से और 1993 में वह समाजवादी पार्टी से विधायक बने. इसके बाद से उनके भाई शिवपाल यादव यहां से लड़े और लगातार जीत दर्ज की. शिवपाल 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर जसवंतनगर से विधायक बने. इसके बाद 2002, 2007, 2012, 2017 और 2022 में भी यहां से जीत हासिल की.
जीत के बाद शिवपाल ने कही ये बात
जसवंतनगर में डिंपल की जीत के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि मेरी बात सही साबित हुई है. क्षेत्र की जनता ने उपचुनाव में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यह उत्पीड़न के खिलाफ यह जनता की जीत है. जनता को जितना प्रताड़ित और उत्पीड़ित किया गया है, उसी का जवाब इस उपचुनाव में जनता ने दिया है.उन्होंने कहा कि अब लोहियावादी, अंबेडकरवादी और चरणसिंह वादी सभी एक हो रहे हैं. इसका असर आने वाले वक्त में और दिखाई देगा.