Varanasi News: आराजीलाईन ब्लॉक के समक्ष स्थित मनरेगा मजदूर यूनियन के सभागार में जन आंदोलन की राष्ट्रीय समन्वयन ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई में हिरासत में लेने का विरोध करते हुए इस प्रकार की मनमानी पर सवाल उठाए. कार्यकर्ताओं ने हाथों में सितलवाड़ के समर्थन में तख़्तियां लेकर इस मनमानी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया. कार्यकर्ताओं ने जल्द से जल्द तीस्ता सीतलवाड़ को रिहा करने की मांग की.
एनएपीएम ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए विरोध किया. सभा को संबोधित करते हुए एनएपीएम राज्य समन्वयक सुरेश राठौर ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. सरकार का ऐसा कृत्य भारतीय नागरिक समाज और मानवाधिकार रक्षकों के उत्पीड़न को दर्शाता है. सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ यह कार्रवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद हुई है. सीतलवाड़ की गिरफ्तारी सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले नागरिकों के लिए यह अशुभ खतरा है कि वे किसी राज्य या सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने की हिमाकत न करें, जिसके कार्यकाल में साम्प्रदायिक हिंसा हुई हो. मनरेगा मजदूर यूनियन की कार्यकर्त्ता श्रद्धा देवी ने कहा, ‘यह नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर घृणित कार्रवाई है. हालांकि, प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ के उस संदिग्ध फैसले के बाद की गयी, जिसमें शिकायकर्ता को आरोपी बना दिया गया.’
रिपोर्ट : विपिन सिंह