नई दिल्ली/गाजियाबाद : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते नए मामलों की रोकथाम के लिए दिल्ली में 6 दिन के लिए लगाए गए ‘छोटा लॉकडाउन का मोटा असर’ दिखाई देने लगा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील के बावजूद डरे-सहमे प्रवासी मजदूरों के उठे कदम थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. रोजी-रोजगार बंद होने के भय से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों को वापस लौटने लगे हैं. आलम यह कि एक-एक दिन में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर संकटों को झेलते हुए अपने घरों को लौट रहे हैं.
अंग्रेजी के अखबार मिंट में छपी एक खबर के अनुसार, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में स्थानीय प्रशासन की ओर से करीब 1,500 बसों में भरकर 77,000 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक भेजा गया है. एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि वैसे भी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के वजह से प्रवासी श्रमिक पहले से ही अपने-अपने घरों को लौट रहे थे, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा सोमवार से लॉकडाउन लगा दिए जाने की वजह से उनके लौटने की संख्या में भारी इजाफा हो गया है.
गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के अनुसार, जिला प्रशासन की ओर से करीब 77,000 कामगारों को 1,537 बसों के जरिए उनके गंतव्य तक भेजा गया है. उन्होंने कहा कि ये बसें कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनस, आनंद विहार बस टर्मिनस, कौशांबी से परिचालित की गई हैं. उन्होंने कहा कि इस काम के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और पुलिस के जवानों को तैनात किया गया, जहां वे दिल्ली में लागू किए गए लॉकडाउन की चुनौतियों का सामना करते हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
हालांकि, सोमवार की रात 10 बजे से दिल्ली में लॉकडाउन लगाए जाने की घोषणा करते समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रेसवार्ता के दौरान कहा था कि यह बहुत ही छोटा लॉकडाउन है. कोरोना की चौथी लहर में बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे लागू किया गया है. उन्होंने प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए कहा था कि मेरी प्रवासी मजदूरों से अपील है कि वे दिल्ली छोड़कर कहीं नहीं जाएं. उनके लिए सारी व्यवस्था कर दी जाएगी. किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. मैं हूं ना.
Posted by : Vishwat Sen