Lucknow: छोटे राजनीतिक दल जिनका नाम भी जनता नहीं जानती होगी, वह कालेधन को सफेद करने के खेल में जुटे हैं. दो दिन तक यूपी के विभिन्न इलाकों में बने इन दफ्तरों के छापे में यह खुलासा हुआ है. यह सभी गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं. इन्हें अरबों रुपये का चंदा दिया जाता है. फिर इसमें कुछ प्रतिशत काटकर बाकी की रकम चंदा देने वालों को वापस कर दी जाती है. क्योंकि राजनीति चंदा देने पर 80जी के तहत आयकर से छूट दी जाती है.
इनकम टैक्स की जांच इकाई ने बीते दिनों यूपी सहित कुल आठ राज्यों में इस मामले में छापेमारी की थी. चुनाव आयोग ने इन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की सूची इनकम टैक्स विभाग को सौंपी थी और इस चंदे खेल के खुलासे का अनुरोध किया था. बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष गोपाल राय के यहां 24 घंटे से अधिक समय तक इनकम टैक्स विभाग ने जांच की थी.
सूत्रों के अनुसार गोपाल राय के घर पर केंद्रीय लोक शिकायत जांच संस्थान, अखिल भारतीय गौ रक्षा परिषद, औद्योगिक एवं प्राविधिक शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के बोर्ड लगे थे. उनके घर की दीवारों पर कई बड़े मंत्रियों और नेताओं की फोटो लगी थी. जो उनके राजनीतिक संबंधों का खुलासा कर रही थी. सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स विभाग उनके घर से कई दस्तावेज, कम्प्यूटर आदि लेकर गयी है. पड़ताल के बाद उनको मिले राजनीतिक चंदे का खुलासा होगा.
इसी तरह सुल्तानपुर में घड़ी साज अब्दुल माबूद इदरीसी की दुकान पर भी इनकम टैक्स ने छापा मारा है. उनकी चौक में घड़ी की दुकान है. अब्दुल माबूद ने जो राजनैतिक दल बनाया है, उसे 2013 से अब तक 425 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिला था. माबूद के खाते में अधिकतर रकम गुजरात से आयी है. गुजरात में रज्जाक उसकी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष था. वाया प्रदेश अध्यक्ष ही कालेधन को सफेद करने काम किया जा रहा था.