Agra News: आगरा में पानी बर्बाद करना पड़ेगा महंगा, बूंद-बूंद की चुकानी होगी कीमत, घर-घर लग रहे मीटर
आगरा में पानी का हिसाब किताब रखने के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत पानी के मीटर लगाए जा रहे हैं. इन मीटर में उनके घर में खर्च किए जा रहे पानी की एक-एक बूंद का हिसाब उस मीटर में दर्ज किया जाता है. फिलहाल, कुछ घरों में मीटर लगाकर इस अभियान की शुरुआत भी कर दी गई है.
Agra News: आगरा में अब पानी बर्बाद करना लोगों के लिए महंगा साबित होगा. स्मार्ट सिटी योजना के तहत निर्धारित एरिया बेस्ड डेवलपमेंट क्षेत्र के लोगों को पानी की बर्बादी महंगी पड़ सकती है, क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत उनके घरों पर अब पानी के लिए स्मार्ट मीटर लगेंगे. जिससे उनके घर में खर्च किए जा रहे पानी की एक-एक बूंद का हिसाब उस मीटर में दर्ज होगा, जिसका बकायदा बिल की वसूली भी की जाएगी. कुछ घरों में मीटर लगा कर इस अभियान की शुरुआत भी कर दी गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्मार्ट सिटी कंपनी आगरा और एरिया बेस्ड डेवलपमेंट में क्षेत्र के 17225 घरों में पानी की निगरानी करेगी. इसके लिए घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. अब पानी को खुले में बहाना और अनावश्यक बर्बाद करना, उनके लिए महंगा साबित होगा. क्योंकि स्मार्ट मीटर पानी के खर्चे का पूरा ब्यौरा दर्ज करेंगे. हालांकि अभी पानी की कीमत का टैरिफ तय नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि पानी की कीमत भी जल्द ही तय कर दी जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, घर के बाहरी दीवार पर ब्लैक बॉक्स के इलेक्ट्रिक स्मार्ट मीटर से खर्च होने वाले पानी का ब्यौरा तैयार किया जाएगा. जिसके चलते आगरा और एरिया बेस्ट डेवलपमेंट को पानी की एक-एक बूंद का हिसाब किताब रखने में काफी आसानी होगी. प्रतिदिन 20 घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. कुछ दिन के बाद स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में और तेजी जाएगी.
दरअसल, बसई और ताजगंज में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हो गई है. कमांड सेंटर से स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा लगाए जा रहे हैं. इन मीटरों की निगरानी होगी और यह मीटर काफी अत्याधुनिक भी होंगे. यह इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जुड़े रहेंगे, जिसकी वजह से कर्मचारियों को घर-घर जाकर पानी की रीडिंग भी नहीं लेनी पड़ेगी. कमांड सेंटर से ही प्रत्येक घर की रीडिंग को एकत्रित किया जाएगा. पानी की आपूर्ति में अवरोध आने पर उसका ब्योरा भी कमांड सेंटर में ही प्राप्त हो सकेगा. इसके अलावा प्रत्येक जलाशय और टंकी पर भी मीटर जल्द ही लगाए जाएंगे.
रिपोर्ट- राघवेंद्र गहलोत