अजय राय के बयान पर स्मृति ईरानी का पलटवार, कहा- राहुल जी दूसरी सीट पर तो नहीं भागेंगे, डरेंगे तो नहीं…
इससे पहले अजय राय केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी अमेठी में आती हैं और लटके-झटके देकर चली जाती हैं. उन्होंने संकेत दिया कि राहुल गांधी 2024 में अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
Lucknow: अमेठी में 2024 की लड़ाई से पहले ही कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेजी हो गई है. दोनों ओर से नेता एक दूसरे पर शब्दबाण चला रहे हैं. कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक अजय राय के राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने के बयान पर संसदीय क्षेत्र से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तंज कसा है.
इस तरह किया कटाक्ष
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को टैग करते हुए सोमवार रात ट्वीट किया कि राहुल जी आपने अपने किसी प्रांतीय नेता से अभद्र तरीके से 2024 में अमेठी से लड़ने की घोषणा करवाई है. तो क्या आपका अमेठी से लड़ना पक्का समझूं? दूसरी सीट पर तो नहीं भागेंगे? डरेंगे तो नहीं??? स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आपको और मम्मी जी (सोनिया गांधी) को अपने महिला विरोधी गुंडे को एक नया भाषण लेखक लाने की जरूरत है.
अजय राय ने दिया विवादित बयान
इससे पहले अजय राय केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी अमेठी में आती हैं और लटके-झटके देकर चली जाती हैं. उन्होंने संकेत दिया कि राहुल गांधी 2024 में अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. अजय राय की टिप्पणी पर भाजपा ने भी हमला बोला. पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया कि ‘राहुल गांधी के वफादार अजय राय ने स्मृति ईरानी जी पर ‘लटके झटके’ टिप्पणी की है, इससे स्तब्ध हूं. यह संयोग नहीं है- यह राजनीतिक बदला लेने के लिए प्रथम परिवार द्वारा प्रायोजित प्रयोग है क्योंकि स्मृति जी ने राजवंश को हराया. पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान भी कांग्रेस ने किया.
पीएम मोदी के खिलाफ फिर मैदान में उतरेंगे अजय राय
अजय राय ने यह भी कहा कि 2024 में वह स्वयं वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर चैलेंज देंगे. पिछले करीब तीन दशक से राजनीति में सक्रिय अजय राय ने कोलअसला विधानसभा में जीत के साथ राजनीति शुरू की थी, जो बाद में परिसीमन के बाद पिंडरा के नाम से हो गई.
बीजेपी के संग लंबे साथ के बाद उन्होंने सपा के टिकट पर 2009 में वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा. फिर कांग्रेस पार्टी के साथ आ गए और 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती दी. इसके बाद 2019 में भी उन्होंने चुनाव लड़ा. हालांकि दोनों बातर उन्हें करारी हार नसीब हुई. कांग्रेस ने बीते दिनों उन्हे यूपी का प्रांतीय अध्यक्ष बनाया है.