Pradosh Vrat: मार्गशीर्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के हैं कई लाभ, जानें शिवजी को प्रसन्न करने के उपाय
Som Pradosh Vrat 2022: इस साल मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में सोमवार को है. अगहन मास का यह पहला व्रत बहुत ही शुभ मुहूर्त में आ रहा है. इस उपवास को करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. चलिए जानते हैं कब है पहला सोम प्रदोष व्रत और क्या है शुभ मुहूर्त.
Som Pradosh Vrat 2022: इस साल मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में सोमवार को है. अगहन मास का यह पहला व्रत बहुत ही शुभ मुहूर्त में आ रहा है, क्योंकि सोमवार और प्रदोष दोनों एक ही दिन है. यही कारण है कि मार्गशीर्ष माह का ये व्रत सोम प्रदोष व्रत हो गया है. इस उपवास को करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. चलिए जानते हैं कब है पहला सोम प्रदोष व्रत और क्या है शुभ मुहूर्त…
पहला सोम प्रदोष व्रत कब है?
हर महीने एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्रत आते हैं. इस साल मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 21 नवंबर को है. हिंदू पंचांग में प्रदोष के दिन भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं, वहीं सभी देवी-देवता उनकी आराधना करते हैं.
क्या है सोम प्रदोष व्रत का मुहूर्त
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस साल सोम प्रदोष व्रत 21 नवंबर को सुबह में 10 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रहा है, और समाप्त अगली सुबह 22 नवंबर 8 बजकर 49 मिनट पर होगा.
कैसे करे सोम प्रदोष व्रत की पूजा
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोम प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शंकर का पंचामृत से अभिषेक करें, ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा से जुड़े सभी दोष दूर हो जाते हैं. वहीं इस दिन शाम के समय शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए, ऐसा करने से आत्म बल और धर्म में वृद्धि होती हैं.
ये है पूजा सामग्री
सोम प्रदोष व्रत पूजा के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की श्रृंगार की पूरी सामग्री, गाय का दूध, मंदार पुष्प, पंच फल, कपूर, धूप, पंच मेवा, पंच रस, गन्ने का रस, बेलपत्र, इत्र, गंध रोली, पंच मिष्ठान्न, जौ की बालें, मौली जनेऊ, दही, देशी घी, शहद, दीप, गंगा जल, धतूरा, भांग, बेर, आदि आम्र मंजरी, रत्न, दक्षिणा, चंदन आदि का प्रयोग करें