Gorakhpur Crime News: गोरखपुर के थाना गुलरिहां क्षेत्र के शिवपुर शाहबाजगंज में एक युवक ने अपने 82 वर्षीय बुजुर्ग मां के शव को 4 दिन तक घर में ही रखे रहा. दुर्गंध आने के बाद आसपास के लोगों को जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. दुर्गंध ना फैले इसलिए मृतिका के बेटे ने शव के पास धूपबत्ती, अगरबत्ती जला रखा था.
लड़के ने अपनी मां के शव को घर के अंदर तख्त के नीचे रखा था. फिलहाल पुलिस ने पंचनामा भरवा कर स्वजन को शव को सौंप दिया. पूछताछ में बेटे ने बताया कि 4 दिन पहले ही बीमारी से उसकी मां की मौत हो गई है. हालांकि उसने मौत की खबर किसी को नहीं दी और शव को छिपा कर रखा था.
कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के बोदरवार निवासी राम दुलारे मिश्रा गोरखपुर शहर में गुलरिया थाना क्षेत्र के शिवपुर शाहबाजगंज में मकान बनवा कर अपने परिवार के साथ रहते थे. राम दुलारे बोदरवार इंटर कॉलेज में शिक्षक थे करीब 10 साल पहले उनका निधन हो गया था. पत्नी शांति देवी गोरखपुर शहर एडी इंटर कॉलेज में प्रधानाध्यापक से रिटायर हुई थी. पति के निधन के बाद से वह अपने इकलौते बेटे निखिल मिश्रा के साथ रहती थी. निखिल नशे का आदी है उसका एक बेटा और एक बेटी गाजियाबाद में रहकर पढ़ाई करते हैं. कुछ दिन पहले उसकी पत्नी भी गाजियाबाद चली गई थी.
पत्नी शांति देवी गोरखपुर शहर एडी इंटर कॉलेज में प्रधानाध्यापक से रिटायर हुई थी. पति के निधन के बाद से वह अपने इकलौते बेटे निखिल मिश्रा के साथ रहती थी. निखिल नशे का आदी है उसका एक बेटा और एक बेटी गाजियाबाद में रहकर पढ़ाई करते हैं. कुछ दिन पहले उसकी पत्नी भी गाजियाबाद चली गई थी.
पुलिस ने आनन-फानन में भतीजे को शव सौंप दिया और दाह संस्कार भी कर दिया. जांच में यह सामने आया कि शांति देवी कि 4 दिन पहले मृत्यु हो गई थी. बेटे ने शव को घर में छिपाए रखा था. बेटे निखिल मिश्रा ने पुलिस द्वारा पूछताछ में बताया कि उसके पास पैसा नहीं था. जिसकी वजह से वह अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहा था. इसलिए वह शव को घर के अंदर ही रख कर रुपए का इंतजाम कर रहा था.
सूचना के बाद निखिल के मौसेरा भाई अनीश नारायण त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी मौसी शांति काफी दिनों से बीमार थी. और बीमारी से ही उनकी मृत्यु हुई है. निखिल मानसिक रूप से बीमार है और उन्होंने कहा कि उन्हें पोस्टमार्टम नहीं कराना है. इसके बाद पुलिस ने शव को अवनीश त्रिपाठी को सुपुर्द कर दिया. मौसेरे भाई के साथ स्वजन ने अंतिम संस्कार किया.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर